Biodata Maker

प्रत्याशियों ने लगाया जोर, सुनाई दे रहा चुनावी शोर

Webdunia
मंगलवार, 19 नवंबर 2013 (00:01 IST)
FILE
बीकानेर। विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों ने एड़ी से चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों के अलावा स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

शहरी इलाकों में चुनाव प्रचार करने के साथ दूरदराज के गांव व ढाणियों तक पार्टी प्रत्याशियों ने युद्धस्तर पर अपनी कार्ययोजना को मूर्तरूप देना शुरू कर दिया है। जिले के शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी चुनावी रंग जमने लगा है। चाय की थडियों से लेकर गली-मोहल्ले व चौपालों पर हर जगह चुनावों की ही चर्चा है।

इस दौरान उम्मीदवारों के दौरों ने इन चुनावी रंग को गहरा कर दिया है। वहीं पार्टी प्रत्याशियों की ओर से खोले गए चुनावी कार्यलयों में इन दिनों उत्सव सा माहौल है। यहां चुनावी रणनीति बनाते लोग समूह विचार-विमर्श करते हुए या फिर जातिगत वोटों पर चर्चा करने में मशगूल कार्यकर्ताओं को देखा जा सकता है।

यहां यह भी चर्चा हो रही है कि किस गांव व क्षेत्र मे कौनसे कार्यकर्ताओं की टीम जाएगी। चर्चाओं के इस दौर के बीच खोले गए चुनावी कार्यालयों में चहल-पहल देखी जा सकती है।
Show comments

जरूर पढ़ें

पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ की इंटरनेशनल बेइज्जती, पुतिन ने 40 मिनट तक कराया इंतजार, बिन बुलाए मीटिंग रूम में घुसे

Sim binding से क्यों डरे हुए हैं लोग, क्या हैं सरकार के आदेश, जानिए हर सवाल का जवाब

बंगाल में मंदिर-मस्जिद विवाद, अब अयोध्या शैली में राम मंदिर बनाने का ऐलान

New Labour Code: क्या कम हो जाएगी कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी, क्या कहा श्रम मंत्रालय ने

हादसा या मर्डर, क्‍या है सिंगर जुबीन गर्ग की मौत का रहस्‍य, CID ने सौंपी चार्जशीट?

सभी देखें

नवीनतम

क्या यूरोपीय संघ को कमजोर करना चाहते हैं ट्रंप?

LIVE: यूपी भाजपा अध्यक्ष चुनाव में नामांकन आज, 14 को फैसला

Weather Update : शीतलहर की चपेट में उत्तर भारत, पहाड़ी राज्यों में पारा शून्य से नीचे, इन राज्यों में कोहरे का कहर

Jagannath Puri : जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर मंडराया चीलों का झुंड, क्या बड़ी घटना का संकेत, भविष्यमालिका से क्यों जोड़ रहे लोग

हवाई किराया क्यों नहीं कर सकते कंट्रोल, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने क्या बताई मजबूरी