रक्षाबंधन विशेष : इस तरीके से बांधें अपने भाई को राखी...

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रक्षाबंधन का पर्व पुरातन युग, महाभारत युग के पूर्व तथा महाभारत युग से मनाया जाता आ रहा है। इसका धर्मग्रंथों में प्रामाणिक उल्लेख है। इस युग में रक्षाबंधन ज्यादातर भाई-बहन के लिए सिमटकर रह गया। बाई-बहन को एकसूत्र में बांधने के लिए रक्षाबंधन पर्व ने अहम भूमिका निभाई है।


 

आइए रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर जानें कैसे बांधे अपने भाई को राखी.... 
 
* प्रातः स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
* अब दिनभर में किसी भी शुभ मुहूर्त में घर में ही किसी पवित्र स्थान पर गोबर से लीप दें।
* लिपे हुए स्थान पर स्वस्तिक बनाएं।
* स्वस्तिक पर तांबे का पवित्र जल से भरा हुआ कलश रखें।
* कलश में आम के पत्ते फैलाते हुए जमा दें।
* इन पत्तों पर नारियल रखें।
* कलश के दोनों ओर आसन बिछा दें। (एक आसन भाई के बैठने के लिए और दूसरा स्वयं के बैठने के लिए)
* अब भाई-बहन कलश को बीच में रख आमने-सामने बैठ जाएं।
* इसके पश्चात कलश की पूजा करें।
* फिर भाई के दाहिने हाथ में नारियल तथा सिर पर टॉवेल या टोपी रखें।
* अब भाई को अक्षत सहित तिलक करें।
* इसके बाद भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें।
* पश्चात भाई को मिठाई खिलाएं, आरती उतारें और उसकी तरक्की व खुशहाली की कामना करें।
* अगर भाई आपसे उम्र में बड़ा हो तो भाई के चरण स्पर्श करें और अगर बहन उम्र में बड़ी हो तो भाई राखी बंधने के पश्चात बहन के चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें। 
* इसके पश्चात घर की प्रमुख वस्तुओं को भी राखी बांधें। जैसे- कलम, झूला, दरवाजा आदि।

 
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