raksha bandhan rules: रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र, यानी राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह पवित्र धागा बांधते समय कितनी गांठें लगानी चाहिए? क्या इन गांठों का कोई विशेष महत्व होता है?
हमारे शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं में हर छोटी-बड़ी परंपरा के पीछे कोई न कोई गहरा अर्थ छिपा होता है। राखी बांधने की प्रक्रिया भी इससे अलग नहीं है। एक साधारण सी गांठ, जब भावनाओं के साथ बांधी जाती है, तो वह एक मजबूत बंधन बन जाती है। आइए जानते हैं कि राखी बांधते समय कितनी गांठें लगाना शुभ माना जाता है और उनका क्या महत्व है।
तीन गांठें: त्रिदेव का प्रतीक
कई घरों में बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधते समय तीन गांठें लगाती हैं। इन तीन गांठों को त्रिमूर्ति यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है।
• पहली गांठ (ब्रह्मा): यह गांठ सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी का प्रतीक है। यह भाई के जीवन में नए विचारों, खुशियों और रचनात्मकता का संचार करती है। यह कामना की जाती है कि भाई का जीवन हमेशा प्रगति करे।
• दूसरी गांठ (विष्णु): यह गांठ सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु का प्रतीक है। यह भाई के जीवन को सभी संकटों से बचाती है और उसे सुख-शांति प्रदान करती है। यह भाई के जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का भाव लाती है।
• तीसरी गांठ (महेश): यह गांठ संहारक भगवान शिव का प्रतीक है। यह भाई के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों, बुराइयों और बाधाओं को दूर करती है। यह भाई को जीवन के हर मोड़ पर मजबूत बनाती है।
इस प्रकार, तीन गांठें बांधने से भाई पर त्रिदेव की कृपा बनी रहती है, जिससे उसके जीवन में हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
पांच गांठें: पंच तत्वों का प्रतीक
कुछ धार्मिक विद्वान और परंपराएं पांच गांठें बांधने को भी बहुत शुभ मानती हैं। ये पांच गांठें पंच तत्व - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का प्रतीक होती हैं।
• पहली गांठ (पृथ्वी): यह भाई को स्थिरता और धैर्य प्रदान करती है।
• दूसरी गांठ (जल): यह भाई के जीवन में शीतलता और सरलता लाती है।
• तीसरी गांठ (अग्नि): यह भाई को ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास देती है।
• चौथी गांठ (वायु): यह भाई के जीवन में सकारात्मकता और स्वतंत्रता का संचार करती है।
• पांचवी गांठ (आकाश): यह भाई के जीवन को असीमित संभावनाओं और सफलता की ओर ले जाती है।
पांच गांठें बांधने से भाई का जीवन इन पांचों तत्वों से संतुलित और परिपूर्ण हो जाता है।
आखिर कितनी गांठें हैं सबसे शुभ?
अगर आप असमंजस में हैं कि कितनी गांठें बांधें, तो यह जान लें कि तीन या पांच, दोनों ही शुभ मानी जाती हैं। तीन गांठें त्रिमूर्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि पांच गांठें पंच तत्वों का। आप अपनी परंपरा या मान्यता के अनुसार किसी भी संख्या का चुनाव कर सकती हैं।
राखी के शुभ मुहूर्त:
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