रक्षाबंधन पर भाई से पहले बांधें इन 5 देवताओं को राखी : Rakshabandhan

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रक्षाबंधन पर भाई के अलावा भगवान, वाहन, पालतू पशु, द्वार आदि कई जगहों पर राखी को बांधा जाता है। इसके पीछे मान्यता यह है कि हमारी रक्षा के साथ ही सभी की रक्षा हो। आओ जानते हैं कि रक्षा बंधन पर खासतौर पर किन देवताओं को बांधी जाती है राखी।
 
 
गणपति : गणपति जी प्रथम पूज्य देवता हैं। किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करने के पूर्व उन्हीं की पूजा करते हैं। इसीलिए सबसे पहले उन्हें ही राखी बांधी जाती है। गणपतिजी की बहनें अशोक सुंदरी, मनसा देवी और ज्योति हैं।
 
शिवजी : श्रावण माह शिवजी का माह है और इसी माह की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाते हैं। प्रचलित मान्यता अनुसार कहते हैं कि भगवान शिव की बहन असावरी देवी थीं।
 
हनुमानजी : हनुमानजी शिवजी के रुद्रावतार हैं। जब देव सो जाते हैं तो शिवजी भी कुछ समय बाद सो जाते हैं और वे रुद्रावतार रुप में सृष्‍टि का संचालन करते हैं। इसीलिए श्रावण माह में हनुमानजी की विशेष रूप से पूजा होती है। सभी संकटों से बचने के लिए हनुमानजी को राखी बांधते हैं।
 
कान्हाजी : शिशुपाल का वध करते वक्त श्रीकृष्‍ण के हाथ से खून बने लगा तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ में बांध दिया था। इस कार्य के बदले में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को संकट के समय उसकी रक्षा करने का वचन दिया था। ऐसा भी कहा जाता है कि जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को कैसे पार कर सकता हूं, तब कृष्ण ने उनकी तथा उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्योहार मनाने की सलाह दी थी। श्रावण माह में श्रीकृष्ण की पूजा का भी खास महत्व है क्योंकि भादो में उनका जन्म हुआ था तो एक माह पूर्व से ही ब्रजमंडल में उनके जन्मोत्सव की धूम रहती हैं
 
नागदेव : मनसादेवी के भाई वासुकि सहित सभी नागों की नाग पंचमी के दिन पूजा होती हैं। रक्षा बंधन पर नागदेव को भी राखी अर्पित करने की परंपरा है। नाग देव सभी तरह के सर्प योग और भय से मुक्त करते हैं। 
 
रक्षा बंधन के दिन सबसे पहले गणेशजी को राखी बांधना चाहिए। इसके बाद अन्य देवी-देवताओं, कुल देवता और अपने इष्ट देव को भी राखी बांधनी चाहिए।

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