रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते का पर्व नहीं, बल्कि हमारी परंपरा, आस्था और संस्कृति की गहराइयों से जुड़ा त्योहार है। जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो वो सिर्फ एक धागा नहीं होता, उसमें छिपा होता है उसकी दुआओं का संकल्प, उसकी भावनाओं का मेल और भाई की सलामती की कामना। आधुनिक राखियों की चमक के बीच पारंपरिक राखियों की गरिमा और शुभता आज भी सबसे खास मानी जाती है। इन राखियों में न केवल भारतीय परंपरा की झलक मिलती है, बल्कि ये धार्मिक दृष्टि से भी बेहद मंगलकारी मानी जाती हैं। अगर आप इस रक्षाबंधन पर कुछ ऐसा बांधना चाहती हैं, जो न केवल दिखने में सुंदर हो, बल्कि शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक हो, तो इन चार परंपरागत राखियों में से एक ज़रूर चुनें।
1. रूद्राक्ष राखी
रूद्राक्ष को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली माना गया है। इसे भगवान शिव का स्वरूप कहा जाता है और इसे पहनने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है। रूद्राक्ष राखी, भाई के लिए सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि एक रक्षा कवच बन जाती है। इसे पहनने से मन शांत रहता है, तनाव कम होता है और जीवन में स्थिरता आती है। रक्षाबंधन पर रूद्राक्ष वाली राखी बांधना भाई को भगवान शिव का आशीर्वाद दिलाने जैसा होता है।
2. मोली राखी
मोली, जिसे कलावा भी कहा जाता है, सदियों से पूजा-पाठ में प्रयोग होता आ रहा है। इसे रक्षा-सूत्र के रूप में पूजा के समय बांधा जाता है। जब आप इसी मोली से बनी राखी भाई की कलाई पर बांधती हैं, तो यह सीधे धार्मिक शक्ति और आस्था से जुड़ जाता है। लाल, पीले और हरे रंगों से बनी यह राखी शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होती है। इसे बांधते समय मंत्रों का उच्चारण करने से इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
3. स्वास्तिक राखी
स्वास्तिक हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र चिन्हों में से एक है, जो सौभाग्य, समृद्धि और शुभ आरंभ का प्रतीक माना जाता है। इस चिन्ह वाली राखी को भाई की कलाई पर बांधना न केवल उसे बुरी नजर और बाधाओं से बचाता है, बल्कि उसके जीवन में उन्नति के रास्ते भी खोलता है। स्वास्तिक राखी में अक्सर पीतल, धातु या मेटल प्लेट का इस्तेमाल होता है, जो इसे एक रॉयल और पारंपरिक लुक देता है। इसे पहनना भाई के लिए शुभ संकेत माना जाता है।
4. चांदी की राखी
चांदी से बनी राखी को भाई की कलाई पर बांधना बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि भाई की कुंडली में चंद्र से जुड़ा कोई दोष हो, तो चांदी की राखी उसे शांत करने में सहायक होती है। यह राखी न केवल मन को शांति और स्थिरता प्रदान करती है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखती है। इस कारण रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर चांदी की राखी बांधना एक पवित्र और लाभकारी परंपरा मानी जाती है।
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