विदिशा से आईं निधि ओस्तवाल ने कहा कि प्रीत की डोरी को कभी ना कोई तोड़ पाए, अपनी बहन को भैया कभी न भूल पाए। रक्षाबंधन बहनों की भाइयों के प्रति भावनाओं को अभिव्यक्त करने का त्योहार है। भाई की कलाई पर राखी बांधकर बहन उसकी दीर्घायु की कामना करती है।
निम्बाहेड़ा से आईं रचना पारख का कहना है कि राखी का त्योहार भाई-बहन के विश्वास का त्योहार है। भाई की कलाई पर रेशम की डोरी बांधकर बहनें ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि वह खुश रहे। जीवन में नई ऊंचाइयों पर पहुंचे।
उज्जैन से आईं शिल्पी पितलिया ने बताया कि भाई के लिए आकर्षक राखी व उपहार खरीदा है। भाई के जीवन में सुख-शांति व उज्ज्वल भविष्य की भगवान से प्रार्थना करती हूं। भैया का आशीर्वाद सदा बना रहे यह कामना भी करती हूं।
महिदपुर से आईं मितिशा सोनगरा बताती हैं कि वास्तव में रक्षाबंधन के त्योहार का प्राण है रक्षा का भाव। प्रतीक रूप में इस भाव को बांधा गया है धागे से। भाई-बहन का प्यार अमर है। इस बार भाई को मनपसंद उपहार भेंट करूंगी।
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