रामायण के वे 10 सामान्य लोग जो राम की वजह से खास हो गए

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 31 मार्च 2020 (16:38 IST)
भगवान श्री राम का नाम और उनका काम अद्भुत है। वे पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुषोत्तम हैं। जिनकी आराधना महाबली हनुामन करते हैं उनके जैसा आदर्श चरित्र और सर्वशक्तिमान दूसरा कोई नहीं। उन्होंने जिसे भी छूआ वह स्वर्ण हो गया और जिसे में देखा वह इतिहास में प्रसिद्ध हो गया। आओ जानते हैं ऐसा ही लोगों नाम जिनके जीवन में राम के आने से वे प्रसिद्ध होकर मोक्ष को प्राप्त हो गए।
 
 
1.अहिल्या : गौतम ऋषि की पत्नी देवी अहिल्या वन के आश्रम में रहते थे। एक दिन मुनि प्रात: स्नान के लिए आश्रम से निकल गए थे। तभी शचिपति इन्द्र ने गौतम का वेश धारण करके अहिल्या के साथ छल से सहवास किया और तभी मुनि लौट आए और उन्होंने यह सब देख लिया। मुनि क्रोधित हो उठे और उन्होंने देवी अहिल्या को पाषाण बन जाने का शाप दे दिया। फिर कहा त्रेतायुग में जब भगवान विष्णु राम के रूप में अवतार लेंगे, तब उनके चरण रज से तुम्हारा उद्धार होगा। ऋषि गौतम हिमालय पर जाकर तपस्या करने लगे। एक दिन विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण उस आश्रम से गुजरे जहां अहिल्या पाषाण बनी हुई थी। राम के चरण लगे ही अहिल्या पुन: अपने रूप में आ गई।
 
 
2. गुहराज निषाद : गुहराज निषाद ने अपनी नाव में प्रभु श्रीराम को गंगा के उस पार उतारा था। आज गुहराज निषाद के वंशज और उनके समाज के लोग उनकी पूजा अर्चन करते हैं। चैत्र शुक्ल पंचमी को उनकी जयंती है।
 
3.शबरी : मतंग ऋषि के आश्रम में श्रमणा नाम की भीलनी रहती थीं। अपने विवाह के दौरान पशुबलि को देखकर उसके मन में वैराग्य हो चला था। आश्रम में वह ऋषियों की सेवा करती थी। उसके गुरु मतंग ऋषि ने मरने से पहले भविष्यवाणी की थी कि तुम्हारा उद्धार करने के लिए प्रभु श्रीराम आएंगे। बस तभी से वह राम की भक्त में रहने लगी और एक दिन राम आए तथा उन्होंने शबरी के बेर खाए।
 
 
4. नल और नील : रामायण के पहले नल और नील को कोई नहीं जानता था। ये दोनों भाई सुग्रीव की सेना में आर्किटेक्ट थे। इन्होंने ही रामसेतु का निर्माण करवाया था।
 
5. सुषेण वैद्य : ये सुग्रीव के ससुर थे और जड़ी बूटियों के जानकार थे। इन्होंने ही संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा था। 
 
6. ऋषि मुनि : ऐसे कई ऋषि मुनि है जिन्हें शायद ही कोई जानता था उनमें से एक है शरभंग ऋषि जिनका चित्रकूट के पास आश्रम था। इससे पहले ऋण्यश्रंग ऋषि जिन्होंने पुत्रेष्ठि यज्ञ कराया था और जो राम की बहन शांत के पति थे। ऐेसे और भी कई ऋषि है। जैसे सतानन्द– राम के स्वागत को जनक के साथ जाने वाले ऋषि।

 
7. मंथरा : कैकयी की मुंह लगी दासी, कुबड़ी। इसी ने कैकयी के कान भरे थे जिसके चलते श्रीराम को वनवास हुआ था।
 
8.मारिची : रावण का मामा ताड़का का पुत्र जिसका राम ने वध किया था। मारिची का साथी राक्षस सुबाहू भी राम द्वारा वध किया गया था।
 
9. संताती और जटायु : जटायु ने एक और जहां श्रीराम को बताया की कौन सीता को उठाकर ले गया है। दूसरी और जटायु के बड़े भाई संपाती ने वानरों को सीता का पता बताया था। 
 
10. त्रिजटा : अशोक वाटिका निवासिनी राक्षसी त्रिजटा को माता सीता की पहरेदारी के लिए रखा गया था लेकिन वह रामभक्त थीं और उसे सीता से अनुराग हो गया था।

सम्बंधित जानकारी

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

अगला लेख