राम नवमी कब है 2024, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

WD Feature Desk
बुधवार, 24 जनवरी 2024 (19:21 IST)
Ram Navami Puja ka shubha Muhurat 2024: प्रतिवर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन अभिजीत मुहूर्त में राम नवमी यानी राम जन्मोत्सव मनाया जाता है। राम जी का जन्म इस बार कैलेंडर के अनुसार 17 अप्रैल 2024 बुधवार के दिन रहेगा। इस बार इस दिन अयोध्या राम मंदिर में भव्य उत्सव का आयोजन‍ किया जाएगा। देश विदेश से लाखों श्रृद्धालु राम भक्त अयोध्या आएंगे। जानिए इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त।
 
नवमी तिथि प्रारम्भ- 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01:23 बजे
नवमी तिथि समाप्त- 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03:14 तक।
 
शुभ मुहूर्त 17 अप्रैल 024:-
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त- 11:10 ए एम से 01:43 पी एम
राम नवमी अभिजीत मुहूर्त- इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:34 से 03:24 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:47 से 07:09 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:48 से रात्रि 07:56 तक।
रवि योग : पूरे दिन
Ram Navami 2024
प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी राम नवमी का महापर्व बड़े ही उत्साह तथा धूमधाम से मनाया जाएगा, परंतु इस बार की राम नवमी खास रहेगा क्योंकि अयोध्या राम मंदिर में रामलला विराजमान हो गए हैं।
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री विष्णु ने धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश के लिए ही त्रेतायुग में धरती पर भगवान श्री राम के रूप में मनुष्य अवतार लिया था। अत: प्रभु श्री राम घर-घर में विराजेंगे तथा उनकी यह जयंती पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। राम नवमी पर अयोध्या में राज जन्मोत्सव का भव्य आयोजन होता है। 
 
राम नवमी के दिन व्रत-उपवास रखकर पूरे मन से प्रभु श्री राम का पूजन-अर्चन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है तथा सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है। श्री राम शास्त्रों के ज्ञाता और समस्त लोकों पर अपने पराक्रम का परचम लहराने वाले पुरुषोत्तम हैं, जिन्होंने कभी स्त्री-पुरुष में भेदभाव नहीं किया, इसके कई उदाहरण है, जहां वे अपनी पत्नी सीता के प्रति समर्पित व उनका सम्मान करते नज़र आते हैं। आज के दिन श्रीरामचरित मानस ग्रंथ का पाठ अवश्य ही करना चाहिए तथा राम नवमी का पर्व यानी राम जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाना चाहिए। प्रभु राम के जन्म का दिन समस्त लोकों को शांति देने वाला पवित्र समय माना जाता है।
 
आज के दिन भारत भर के सभी स्थानों से शोभायात्रा निकाली जाती है तथा प्रभु श्री राम जी की मूर्ति को फूल-मालाओं से सजाकर पालने में झुला झुलाया जाता हैं। इसके अलावा रामायण, श्री रामरक्षा स्त्रोत, श्री राम चालीसा, भजन, कीर्तन तथा प्रभु राम नाम के मंत्रों का जाप करना अतिलाभदायी और महत्व का माना गया है। 

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