मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में पिछले ग्यार ह दिनों से कोटिचंडी महायज्ञ चल रहा है। यह पावन महायज्ञ जूना पीठाधीश अवधेशानंद महाराज के सानिध्य में हुआ। इस महायज्ञ की पूर्णाहुति आज हुई। पूर्णाहुति के मौके पर हजारों लोगों ने यज्ञ कुंड में आहुतियाँ अर्पित कीं। यहाँ तक कि जिस यज्ञकुंड में चार लोगों को बिठाया जाता था, वहाँ आज आज आठ-आठ लोगों को बिठाकर उनसे धर्म-कर्म कराया गया। आयोजकों का दावा है कि इस महायज्ञ में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए हैं। वेबदुनिया आपके लिए लाया है, इस पवित्र यज्ञस्थल के चुनिंदा दृश्य, जिन्हें आप हमारे खास वीडिय ो में देख सकते हैं।
पहला दिन 26 दिसंबर मंगल कलश यात्रा अरणि मंथन 5 हजार वनवासी शामिल
दूसरा दिन 27 दिसंबर 5 हजार वनवासियों ने दी आहुति 25 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन औषधि पौधे भेंट
तीसरा दिन 28 दिसंबर स्वामी प्रणवानंदजी के प्रवचन सुधर्मा सागरजी व अवधेशानंदजी के प्रवचन
चौथा दिन 29 दिसंबर स्वामी कैलाशानंदजी महाराज के प्रवचन परिक्रमा लगाने वालों की भीड़
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पाँचवाँ दिन 30 दिसंबर पूर्व उपराष्ट्रपति श्री भैंरोसिंह शेखावत, श्री कृष्णभद्र स्वामी आदि ने दी आहुति
छठा दिन 31 दिसंबर बाबा रामदेव, स्वामी विश्वेश्वर तीर्थ, श्रीमती सुमित्रा महाजन ने दी आहुति
सातवाँ दिन 1 जनवरी पं. कमल-किशोर नागर, स्वामी विश्वेश्वर गिरिजी के प्रवचन
आठवाँ दिन 2 जनवरी स्वामी शरणानंदजी महाराज, सत्यमित्रानंदगिरिजी के प्रवचन व मुख्यमंत्री ने दी आहुति व भजन गाए
नौवाँ दिन 3 जनवरी स्वामी सत्यमित्रानंद-गिरि एवं अवधेशानंद-गिरी ने दी आहुति। स्वामी परमानंदजी के प्रवचन
दसवाँ दिन 4 जनवरी साध्वी ऋतंभरा, डॉ. पीतांबर देव गोस्वामी के प्रवचन, संघ के श्री मदनदास देवी का उद्बोधन
ग्यारहवाँ दिन 5 जनवरी , पूर्णपूर्णाहुति
10 करो़ड़ से अधिक आहुतियाँ ग्यारह दिनों से चल रहे सहस्त्रजातीय कोटिचण्डी महायज्ञ में अब तक लगभग 5 लाख जो़ड़ों द्वारा 10 करो़ड़ से अधिक आहुतियाँ दी जा चुकी हैं। 5 जनवरी शनिवार को पूर्णाहुति हुई, जिसमें महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदगिरि महाराज के सानिध्य में 5500 जो़ड़े यज्ञ में बैठें।