फिशिंग बोट इलेक्ट्रॉनिक पहचान प्रणाली से जुड़ेंगे

सुरेश बाफना
रविवार, 22 मार्च 2009 (12:22 IST)
मुंबई पर आतंकी हमले के संदर्भ में समुद्री तटों पर व्यापारिक जहाजों, मछुआरों के फिशिंग बोट व अन्य जहाजों के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए स्वचलित डिजिटल पहचान प्रणाली विकसित हो रही है। समुद्री तटों के निकट 85 लाइट हाउसों की पहचान की जा रही है, जहाँ जियो-स्टेशनरी प्रणाली स्थापित की जाएगी।

नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दुनिया में ऐसी कोई पुख्ता प्रणाली नहीं हुई है, जिससे मुंबई हमले जैसी घटना को रोका जा सकता है। देश के समुद्री तटों पर लगभग तीन लाख फिशिंग जहाजों के आवागमन को पूरी तरह नियंत्रित कर पाना किसी भी रूप में संभव नहीं है।

यदि लो-लेवल के राडार भी समुद्री तटों पर लगा दिए गए तो पर्दे पर हजारों फिशिंग बोट चमकते हुए बिंदुओं के रूप में दिखाई देंगे, जिनके आधार पर कुछ भी पता नहीं लगाया जा सकता है।

मछुआरों के फिशिंग बोट में जीपीएस रिसीवर लगेंगे, जिनके माध्यम से जियो-स्टेशनरी प्रणाली में उनके ठिकाने की जानकारी निरंतर प्राप्त होती रहेगी। हर फिशिंग बोट के लिए 4-5 हजार रुपए लागत का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदना होगा। इस प्रणाली को विकसित करने में इसरो की भी मदद ली जा रही है।
Show comments

जरूर पढ़ें

तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने से फिर बेनकाब होगा पाकिस्तान, जानिए कैसे रची थी 26/11 मुंबई आतंकी हमले की साजिश

तहव्वुर राणा को मिलेगी मौत की सजा? पूर्व गृह सचिव बोले- उसे 26/11 हमले के बारे में सब पता था

क्या नीतीश कुमार होंगे उपप्रधानमंत्री, भाजपा नेता ने की मांग

2 साल में एमपी की सड़कें होंगी अमेरिका जैसी, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी बड़ी सौगात, CM यादव बोले- लौट रहा गौरवशाली इतिहास

वक्फ संशोधन अधिनियम को TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

सभी देखें

नवीनतम

राहुल गांधी का रोजगार पर पीएम मोदी से सवाल, क्या ELI योजना भी जुमला है?

दिल्ली में लाल किला मैदान में विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन, आज निकलेगी शोभा यात्रा

LIVE: पीएम मोदी ने वाराणसी को दी 3,880 करोड़ की 44 परियोजनाओं की सौगात

पीथमपुर में पाइप बनाने वाली फैक्टरी में भीषण आग

Petrol Diesel Prices: 11 अप्रैल को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक समान, जानें ताजा भाव