मंत्रालय में आग : पांच की मौत, पुलिस जांच शुरू

Webdunia
शनिवार, 23 जून 2012 (00:49 IST)
PTI
जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि महाराष्ट्र सरकार के सचिवालय में आग के पीछे कहीं तोड़फोड की कार्रवाई तो नहीं है, जबकि शुक्रवार को दो और शवों के मिलने के साथ ही इस घटना में मरने वालों की संख्या पांच हो गई। सात मंजिली इमारत में रातभर आग की लपटें उठती रहीं और शुक्रवार तड़के उसे पूरी तरह बुझाया जा सका। उसके बाद छठे तल से दो और शव निकाले गए। बारह घंटे से भी अधिक समय बाद इस आग को बुझाया जा सका ।

आग से भारी मात्रा में फाइलें जल गईं, कम्‍प्‍यूटर क्षतिग्रस्त हो गए, फर्नीचर जल गए। दीवारें काली हो गईं और शीशे के ग्लास टूट गए। आग की जांच के लिए पुलिस उपायुक्त अंबादास पोटे के अंतर्गत चार दल बनाए गए हैं। आदर्श घोटाले के संदर्भ में आग को लेकर साजिश के भी सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि शहरी विकास विभाग के कार्यालय का काफी कुछ सामान जलकर राख हो गया है।

आदर्श हाउसिंग घोटाले की फाइलों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका को दूर करते हुए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कागजात सीबीआई और न्यायिक आयोग के पास हैं। शहरी विकास विभाग का प्रभार भी संभालने वाले चव्हाण ने कहा, हमारे पास उसकी छाया प्रतियां हैं। अतएव यह अटकल कि इस आग के चलते आदर्श जांच प्रभावित होगी, बिलकुल सही नहीं है। चव्हाण ने कहा, क्षतिग्रस्त

कम्‍प्‍यूटरों से हार्डडिस्क प्राप्त किए जाएंगे और इस काम के लिए नासकॉम, साइबर प्रकोष्ठ और विदेशी विशेषज्ञों तक की मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि इस घटना से पहले सवा दो लाख फाइलों का डिजीटलीकरण किया गया है और 3.18 लाख कागजातों को स्कैन किया गया था।

उन्होंने विधान भवन में अपने मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने इस आपदा के बाद की स्थिति की समीक्षा की। इसी बीच अपराध शाखा ने एक मामला दर्ज किया है और औपचारिक रूप से जांच शुरू की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रालय में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और संरचनात्मक ऑडिट के बाद ही लोगों को अंदर जाने दिया जाएगा।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, चार दल बनाए गए हैं, जिनमें एक वरिष्ठ सहायक पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ इंस्‍पेक्टरों समेत करीब 40 पुलिसकर्मी हैं। ये दल यह पता करने के लिए पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) के निर्देश में पूरी जांच करेंगे कि क्या यह आग आकस्मिक थी या विध्वंसक कार्रवाई। अब तक 15 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।

फोरेंसिक दल ने भी भवन का निरीक्षण किया और जांचकर्ता वहां लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से फुटेज पाने का प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि पांचवें और छठे तल पर सीसीटीवी कैमरे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। आज सुबह मुख्य सचिव जयंत कुमार ने लोक निर्माण विभाग के संरचनात्मक इंजीनियरों का एक दल आग से हुए नुकसान का निरीक्षण करने के लिए भेजा।

राकांपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने चव्हाण से भेंट की और कहा कि इस भवन का सरकार द्वारा पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए, लेकिन बनाओ, चलाओ और सौंप दो तरीके से नहीं। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश या पूर्व न्यायाधीश से इस घटना की जांच कराए जाने की मांग की और कहा कि राज्य सरकार की विश्वसनीयता दांव पर है, क्योंकि ऐसी खबरें हैं कि विभिन्न घोटालों की महत्वपूर्ण फाइलें संभवत: जल गई हैं।

उन्होंने कहा, आग के रहस्य को दूर करने के लिए उच्चतम न्यायलाय के वर्तमान न्यायाधीश या पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन करना ही पृथ्वीराज चव्हाण सरकार के लिए उपयुक्त होगा। पवार ने इस मुद्दे के राजनीतिकरण की निंदा की। (भाषा)

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