नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उच्चतम न्यायालय से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि ये मामले दुर्भावनापूर्ण तरीके से राजनीतिक बदले की भावना के तहत दर्ज किए गए थे। ये मामले सिंह द्वारा पिछले साल अगस्त में की गई एक प्रेस वार्ता के बाद दर्ज किए गए थे।
सिंह ने एक अन्य याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 21 जनवरी के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने 12 अगस्त 2020 की प्रेस वार्ता के बाद लखनऊ में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इंकार किया था।सांसद ने कहा कि उन्होंने 12 अगस्त की प्रेस वार्ता में राज्य सरकार पर एक विशेष जाति का पक्ष लेने का आरोप लगाया था।
वकील सुमीर सोढ़ी के जरिए दायर रिट याचिका में सिंह ने कहा, संबंधित प्रेस वार्ता में याचिकाकर्ता ने केवल निश्चित सामाजिक मुद्दे और बिना नाम लिए सरकार द्वारा समाज के एक विशेष वर्ग के प्रति सहानुभूति रखने जैसे सवाल उठाए थे।इन दोनों याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ दो फरवरी को सुनवाई कर सकती है।
इस मामले में वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा सिंह का पक्ष रख सकते हैं। आप नेता ने कहा कि प्रेसवार्ता के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के थानों में भाजपा के सदस्यों के इशारे पर उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गईं।(भाषा)