बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 16 वर्ष और 9 महीने की उम्र की एक लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोपी 23 वर्षीय व्यक्ति को उससे शादी करने के लिए 15 दिन की जमानत दे दी है। पीड़िता हाल ही में 18 वर्ष की हुई है और उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। दोनों पक्षों के परिवार विवाह के पक्ष में हैं। डीएनए परीक्षणों से पुष्टि हुई है कि दुष्कर्म का आरोपी व्यक्ति ही बच्चे का जैविक पिता है।
अदालत ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया है कि वह 4 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें तथा उसे 3 जुलाई की शाम को हिरासत में वापस लौटना होगा। अदालत ने कहा कि उसके निर्णय का उद्देश्य बच्चे के हितों की रक्षा करना और मां को सहायता प्रदान करना है।
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने पिछले शनिवार को आरोपियों की याचिका के जवाब में अंतरिम आदेश जारी किया जिसमें आरोपों को खारिज करने की मांग की गई थी, क्योंकि दोनों परिवार विवाह को आगे बढ़ाना चाहते थे।
मैसूर जिले के रहने वाले आरोपी को लड़की की मां के आरोपों के बाद फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया गया था। लड़की की मां ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसने उनकी बेटी का बार-बार यौन उत्पीड़न किया, जो उस समय 16 साल और 9 महीने की थी। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एन) और पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 5 (एल), 5 (जे) (2) और 6 के तहत आरोप हैं। परिस्थितियों के मद्देनजर न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने युवा मां और बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए उनके भरण-पोषण के लिए विवाह की आवश्यकता पर ध्यान दिया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta