कुनबे की कलह के बाद अखिलेश यादव की लोकप्रियता बढ़ी

Webdunia
सोमवार, 31 अक्टूबर 2016 (07:33 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी के प्रमुख मुलायम सिंह के परिवार में जारी पारिवारिक घमासान से भले ही पार्टी के लिए नुकसान होने के कयास लगाए जा रहे हों, लेकिन इस बीच किए गए दो सर्वे पर यकीन करें तो इस कलह से अखिलेश यादव पहले से और मजबूत होकर उभरे हैं। अखिलेश की छवि लोगों की निगाह में काफी सुधरी है और मुलायम सिंह की तुलना में पसन्द करने वालों में भी वृद्धि हुई है। सर्वे में अखिलेश की लोकप्रियता में इजाफा होना बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पहला सर्वे सितंबर माह में हुआ था और दूसरा अक्टूबर में। यह सर्वे न्यूज वेबसाइट हफिंग्टन पोस्ट के यूपी की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 12,221 लोगों के बीच किया गया था। सर्वे के जो परिणाम मिले हैं उसके अनुसार समाजवादी पार्टी के कोर वोट बैंक यादव और मुस्लिमों में मुलायम सिंह की तुलना में अखिलेश की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। शिवपाल इस मुकाबले में कहीं नहीं ठहरते हैं।
 
सर्वे के अनुसार 68 फीसदी लोगों का मानना है कि अखिलेश अपनी पार्टी की छवि बदलने की कोशिश कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद के बावजूद इस सर्वे से साफ होता है कि इमेज के मामले में अखिलेश ने बढ़त बनाई है। इसका उन्हें चुनाव में लाभ मिल सकता है। खास बात यह है कि इन सर्वेक्षणों के दौरान सपा के आधार वोट बैंक यादव और मुसलमान का भी खास तौर पर ध्यान रखा गया था। सर्वेक्षण में जब पूछा गया था कि अखिलेश और शिवपाल- दोनों में से कौन ज्यादा लोकप्रिय हैं तो इस बार 83 फीसद लोगों ने अखिलेश का नाम लिया। पिछली बार 77 फीसद लोगों ने ऐसा कहा था। शिवपाल का नाम पिछली बार 6.9 जबकि इस बार 6.1 फीसद लोगों ने लिया।
 
इसी तरह, पिता मुलायम की तुलना में भी अखिलेश अधिक लोकप्रिय नजर आते हैं। दोनों की लोकप्रियता की तुलना वाले सवाल में भी अखिलेश को इस बार 76 जबकि पिछले महीने 67 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। मुलायम के प्रति पिछली दफा 19 जबकि इस दफा 15 प्रतिशत लोगों ने पसंदगी जताई।
 
अखिलेश सपा के पारंपरिक वोटरों की सीमा भी लांघते दिख रहे हैं। मुलायम से तुलना की बात रखे जाने पर भी 55 साल से ज्यादा उम्र वाले 70 फीसद लोग अखिलेश को पसंद करते हैं। जिनलोगों के बीच सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 68 फीसद लोगों का मानना है कि अखिलेश पार्टी को गुंडा छवि से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। 63.2 प्रतिशत लोगों का यह भी मानना है कि अखिलेश को उनलोगों को पार्टी में शामिल नहीं करने देना चाहिए जो आपराधिक छवि के हैं।

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