जयपुर। राजस्थान के करौली में आगजनी और हिंसा को लेकर राजनीति तेज हो गई। सत्तारूढ कांग्रेस का कहना है कि ध्रुवीकरण की राजनीति के लिए इस तरह की साजिश रची गई थी जबकि भाजपा ने इस पूरी घटना को सुनियोजित साजिश बताया है।
इस बीच करौली में कर्फ्यू की मियाद को 10 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। गुरुवार को कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई जबकि शुक्रवार को तीन घंटे की ढील दी जाएगी। भाजपा के सात सदस्यीय जांच दल द्वारा तैयार रिपोर्ट को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां एवं प्रदेश प्रभारी अरुणसिंह को सौंपी गई।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने गुरुवार को कहा कि रैली की पुलिस ने वीडियोग्राफी प्रारंभ से ही शुरू कर रखी थी, कई उपद्रवी दंगे में लिप्त थे परंतु मुख्य अभियुक्त अमिनुददीन, मतलुम खान दंगा होने के बाद भी शांतिसमिति की बैठक में पुलिस की मौजूदगी में उपस्थित रहे। उन्होंने सवाल किया कि वीडियोग्राफी में सारी चीजों का आकलन होने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने कार्यवाहीं क्यों नहीं की।
राठौड़ ने कहा कि ये सारी घटनाएं सिद्ध कर रही है कि राजस्थान में पीएफआई जैसे संगठन से जुड़े हुए लोग उनमें शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने वादा किया कि वह उपद्रवियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करेगा, वह निष्पक्षता से कार्यवाही करेगा, परंतु राजस्थान के सरकार, कांग्रेस नेताओं के दबाव में शासन एवं प्रशासन ने पीडितों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
कांग्रेस जांच दल में शामिल डा जितेन्द्र सिहं, विधायक रफीक खान और ललित यादव ने भी करौली का दौरा किया और प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से स्थिति पर चर्चा कर स्थानीय लोगो से घटना की जानकारी ली। कांग्रेस के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि ध्रुवीकरण की राजनीति के लिए इस तरह की साजिश रची गई।
10 अप्रैल तक बढ़ाया गया : उपद्रव के बाद लगाए गए कर्फ्यू को अब 10 अप्रैल के 12 बजे मध्यरात्रि तक बढ़ा दिया गया है। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्रसिंह शेखावत द्वारा जारी आदेशों के अनुसार अब शुक्रवार से कर्फ्यु में सुबह 9 से 12 बजे तक खाद्य सामग्री, पेट्रोल मेडिकल सहित तमाम आवश्यक वस्तु खरीदने के लिए 3 घंटे की ढील रहेगी।
दूसरी तरफ करौली में उपद्रव के बाद गुरुवार को छठे दिन भी शहर में सन्नाटा पसरा रहा और लोग कर्फ्यू में सुबह मिली 2 घंटे की छूट में अपनी जरूरत का सामान खरीदने के बाद घरों में कैद हो गए। कर्फ्यू के बीच इंटरनेट की सेवाएं बंद रहने से करौली के लोगों पिछले 6 दिनों से शेष दुनिया से कटे हुए है और उन्हें दिन और रात का समय व्यतीत करने में बेहद असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
करौली में कर्फ्यू के बीच भारी फोर्स की तैनाती के बावजूद अभी भी माहौल में तनावपूर्ण शांति दिखाई दे रही है जिसकी वजह से आमजन के अंदर भय व्याप्त है और लोग अपने आपको सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं।