आयु सीमा को लेकर अमरनाथ यात्रियों में रोष

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। इस बार की अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण एक मार्च से शुरू होगा। इस बार भी यात्रा पर लगाई गई बंदिशों के कारण पंजीकरण करवाने वालों और यात्रा में शामिल होने के इच्छुक लोगों में जबरदस्त रोष है।
सबसे ज्यादा गुस्सा 75 साल से अधिक की उम्र वाले इच्छुक लोगों में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद डॉ. नितीन सेनगुप्त की रिपोर्ट को लागू करते हुए अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड ने इस बार भी 5 साल से कम और 75 साल से अधिक आयु वाले श्रद्धालुओं के यात्रा में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
 
इस प्रतिबंध के लिए तर्क यह दिया गया था कि यात्रा में पिछले कुछ सालों से मरने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है, पर अगर आंकड़ों पर एक नजर लगाएं तो इस तर्क का यह सच सामने जरूर आता था कि पिछले 5-6 सालों के दौरान होने वाली मौतों में अधिकतर की आयु 25 से 55 साल के बीच थी और 70 से अधिक आयु वाले मरने वाले श्रद्धालुओं का प्रतिशत 4-5 ही रहा है।
 
यात्रा में शामिल होने के लिए आयु सीमा का बंधन लागू करते हुए इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया गया था। राज्य के मुहल्ला दलपतियां के रहने वाले 78 साल के ॠषि कुमार का कहना है कि वे पिछले 5 सालों से लगातार अमरनाथ यात्रा में मोक्ष की प्रप्ति के लिए शामिल हो रहे थे, पर इस बार यात्रा में शामिल होने से वंचित रह जाएंगे।
 
लेकिन इस मामले में इतना जरूर है कि ॠषि कुमार की तरह और भी कई बुजुर्ग ऐसे हैं जो यात्रा में शामिल तो होना चाहते हैं, पर उम्र की बंदिश के कारण वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उनको इस बार अमरनाथ यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है तो राज्यपाल एनएन वोहरा जो श्राइन बोर्ड के चेयरमैन भी हैं को इस बार गुफा में पूजा-अर्चना की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वे भी 81 साल के हैं। हालांकि कई लोगों का कहना है कि राज्यपाल को चेयरमैन के पद से ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
 
उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद श्रद्धालुओं की सेहत का ख्याल रखते हुए श्राइन बोर्ड ने लंगरों में परोसे जाने वाले कई व्यंजनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। खासकर वसायुक्त व्यंजनों को परोसे जाने से मना करते हुए मीनू जारी किया गया है।
 
यात्रा के लिए पंजीकरण करवाने वालों के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र इस बार भी लाजिमी रखा गया है। इस बार प्रतिदिन पहलगाम और बालटाल यात्रा मार्गों से 7500-7500 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी जाएगी, जबकि श्राइन बोर्ड को उम्मीद है कि इस बार कम से कम 7 लाख श्रद्धालु इसमें शामिल होंगें।
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख