Delhi violence : AAP के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के कारण अमरोहा फिर चर्चा में

Webdunia
शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020 (14:48 IST)
अमरोहा। देश की राजधानी दिल्ली में फैली सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के जवान अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी आम आदमी पार्टी (AAP) से निलंबित दिल्ली नगर निगम पार्षद ताहिर हुसैन की वजह से अमरोहा का नाम फिर एक बार सुर्खियों में है।

दिल्ली हिंसा में जिस घर की छत से पेट्रोल बम, तेजाब के पाउच, गुलेल के साथ काफी संख्या में एसिड की बोतलें समेत तबाही का सामान पुलिस ने बरामद किया है, वह उत्तर पूर्वी दिल्ली के नेहरू विहार के निगम पार्षद ताहिर हुसैन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा में हसनपुर के गांव पौरारा का निवासी है।

उसके दिल्ली स्थित घर की छत पर पैट्रोल बम एवं तेजाब की बोतलें बरामद होने व उपद्रव में शामिल होने की खबरें मीडिया के माध्यम से जानकारी लगने पर अमरोहावासी स्तब्ध रह गए। अब यह मामला गांव-गांव में चर्चा का विषय बन गया है।

इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी के रडार पर आने से अमरोहा काफी सुर्खियों में रहा था जब आईएसआईएस के मॉड्यूल 'हरकत-उल-हर्ब-ए इस्लाम' के सदस्यों का मामला प्रकाश में आने के बाद खुफिया एजेंसी, एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजधानी दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद समेत उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छापेमारी की थी।

बीते वर्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस ने अमरोहा में छापेमारी कर आईएसआईएस के नए मॉड्यूल का खुलासा किया था। टीम को कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ और हथियार मिले थे।आईएसआईएस के मॉड्यूल 'हरकत-उल-हर्ब-ए इस्लाम' के सदस्यों का मामला प्रकाश में आने के बाद खुफिया एजेंसी और एनआईए यहां सक्रिय रहती हैं।

खुफिया एजेंसी के मिले इनपुट के बाद से मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, अलीगढ़ समेत इन जिलों में कई संदिग्धों के पनाह लेने की सूचना के मद्देनजर लिहाजा यहां चल रही हरकतों पर तब से लेकर आज तक विशेष नजर रखी जा रही है।

अमरोहा के कोतवाली हसनपुर तहसील क्षेत्र के गांव पौरारा निवासी ताहिर हुसैन करीब 20 साल पहले दिल्ली मजदूरी करने गया था। अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े ताहिर हुसैन की गांव में कृषि भूमि एवं कोई अन्य रोजगार न होने पर उसने दिल्ली की ओर जब से रुख किया तब से उसने वापस मुड़कर नहीं देखा। मजदूरी से भरण-पोषण होने की उम्मीदें पूरी होते देख कुछ समय बाद ताहिर अपने पिता कल्लू उर्फ कल्लन सैफी समेत अपने परिवार को दिल्ली ले गया।

उसका एक भाई गांव में स्कूल चलाता है। दिल्ली में सैफी से हुसैन बने ताहिर ने दिल्ली में न केवल कारोबार स्थापित किया बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नजदीकियों के चलते राजनीति में भी पकड़ मजबूत बनाने के साथ आम आदमी पार्टी के टिकट पर पार्षद बनकर इलाके में धमक का एहसास भी कराया।

पौरारा के पूर्व प्रधान जयपाल सिंह ने यहां कहा कि दिल्ली के आम आदमी पार्टी पार्षद ताहिर हुसैन ने कुछ साल पहले गांव के अपने पुश्तैनी मकान को भी बेच दिया था। हालांकि गांव में उसकी अभी आवासीय जमीन खाली पड़ी हुई है। बीच-बीच में ताहिर साल में एक-दो बार पौरारा गांव में आता रहता है। पिछले एक साल से वह गांव नहीं आया है।

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