लखनऊ। उत्तर प्रदेश में छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब एंटी रोमियो स्क्वॉड से जुड़े पुलिसकर्मियों को कैमरे से लैस किया जाएगा ताकि मनचलों को उनकी हरकत के सबूत के साथ पकड़ा जाए।
सादे कपड़ों में घूमते पुलिसकर्मी ऐसे मनचलों की फोटो लेंगे जो छेड़छाड़ की घटनाओं में शामिल दिखाई देंगे। पहली गलती पर उन्हें समझाइश दे कर छोड़ दिया जाएगा, लेकिन उनके फोटो को सुरक्षित रख लिया जाएगा और भविष्य में दोबारा गलती करने पर उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को इस बारे में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। एंटी रोमियो स्क्वाड में तैनात पुलिस कर्मियों की डयूटी भी समय-समय पर बदलने की भी ताकीद की गई है ताकि मनचले उन्हें पहचान न सकें।
उप्र के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि स्कूल, कॉलेज, बाजार, मॉल, पार्क, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों पर सादे कपड़ों में महिला और पुरूष पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए, जिनके शरीर पर कैमरे लगे हों, जो जरूरत पड़ने पर छेड़छाड़ जैसी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति की फोटो ले सकें।
आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक जिले में थानाध्यक्ष, क्षेत्राधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के बालिका विद्यालयों, कॉलेजों के प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों के सम्पर्क में रहेंगे और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ अथवा इसी तरह की आपत्तिजनक हरकतों में शामिल मनचलों के बारे में जानकारी एकत्र करते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही करेंगे।
महानिदेशक ने लड़कियों के स्कूल, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों पर एक शिकायत पेटिका रखने का भी निर्देश दिया है ताकि छेड़छाड़ अथवा मनचलों की बदतमीजी की शिकार कोई भी लड़की अपनी पहचान बताए बिना उसमें अपनी शिकायत कर सके। इसी तरह पुलिस थानों में भी एक रजिस्टर रखा जाएगा, जिसमें चिन्हित स्थानों पर एण्टी रोमियो स्क्वाड द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण रखा जाएगा।
एण्टी रोमियो स्क्वाड के गठन का उद्देश्य मुख्य रूप से राज्य की महिलाओं और युवतियों के लिए भयमुक्त वातावरण बनाना है। इसके लिए पहली गलती पर समझा-बुझाकर गलती का एहसास कराना और आगे से ऐसी गलती न करने की नसीहत के साथ छोड़ देने की व्यवस्था है। अगर समझाने के बाद भी मनचले दोबारा ऐसी हरकत करते पकड़े जायें तो उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही का प्रावधान है।