जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें एक नाबालिग लड़की से वर्ष 2013 में अपने आश्रम में दुष्कर्म करने के दोषी और सजा काट रहे आसाराम की सजा को चुनौती दी गई है।
उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर आसाराम की याचिका पर उससे जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर और वीके माथुर की पीठ ने आगे की कार्यवाही के लिए निचली अदालत से आसाराम के मामले में रिकॉर्ड तलब किए हैं।
विवादित उपदेशक ने मामले में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ जुलाई में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। आसाराम के वकील महेश बोरा ने कहा कि हमने सजा के आदेश को दरकिनार करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। अदालत ने क्योंकि इसे स्वीकार कर लिया है, हम जल्द ही एक जमानत याचिका दायर करेंगे।
जोधपुर की एक अदालत ने अगस्त 2013 में एक किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में आसाराम को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह इस अपराध के लिए कानून में अधिकतम सजा है। (भाषा)