जोधपुर। जोधपुर उच्च न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में स्वयंभू संत आसाराम को सुनाई गई सजा स्थगित किए जाने की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। आसराम ने अपनी याचिका पर जोर नहीं दिया और इसे वापस ले लिया।
आसाराम के वकील प्रदीप चौधरी ने कहा कि हमने संक्षिप्त दलीलों के बाद सजा को स्थगित किए जाने के लिए याचिका पर जोर नहीं देने का फैसला किया, हालांकि न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति वीके माथुर की खंडपीठ ने सजा के खिलाफ अपील पर दलीलें सुनने के लिए सहमति जताई।
उन्होंने कहा कि हमने सजा के खिलाफ हमारी अपील पर सुनवाई शुरू करने का भी अनुरोध किया था जिसे अदालत ने स्वीकार किया और इसे अगले साल जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। यह आसाराम की दूसरी याचिका है जिस पर जोर नहीं दिया गया है।