हरिद्वार। शनिवार को सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां वीआईपी घाट पर विधि-विधान और पूरे सैन्य सम्मान के साथ विसर्जित कर दी गईं। जनरल रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने नम आंखों के साथ माता-पिता की अस्थियों को विसर्जित किया। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वीआईपी घाट पर पहुंचे।
दिल्ली से सेना का एक विमान सीडीएस बिपिन रावत की अस्थियां लेकर जौलीग्रांट के लिए रवाना हुआ। जौलीग्रांट हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से ससम्मान अस्थियां हरिद्वार लाई गईं। वीआईपी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी अस्थियां पूरे विधि-विधान से गंगा में विसर्जित कर दी गईं। इसके लिए घाट पर सुबह ही सेना की टुकड़ियां भी सेना के बैंड के साथ पहुंच गई थी।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड राज्य के गौरव थे। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए नगर निगम ऋषिकेश उनकी स्मृति में द्वार का निर्माण कराएगा। देश के दिवंगत सर्वोच्च सैन्य अधिकारी के नाम पर गढ़वाल मंडल तथा चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार तीर्थनगरी में ऋषिकेश नगर निगम की सीमा के प्रारंभ स्थल ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर स्मृति द्वार बनाए जाने की महापौर अनिता ममगाईं ने घोषणा की है। इसके लिए महापौर ने निगम के पार्षदों तथा अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण भी किया।