चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू पर चुनाव से ठीक पहले अपनी गैरजिम्मेदाराना हरकत से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का रविवार को आरोप लगाया। इस आरोप के बाद इन दोनों नेताओं के बीच तनातनी एक बार फिर सामने आई है।
सिंह ने कहा कि उनके पंजाब के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री से कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि सिद्धू शायद महत्वाकांक्षी हैं और वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने यहां कहा कि यदि वे (सिद्धू) एक असली कांग्रेसी होते तो उन्हें पंजाब में मतदान से ठीक पहले अपनी शिकायतों को कहने के बजाय बेहतर समय चुनना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि वे इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत से पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह उनका चुनाव नहीं, बल्कि पूरी कांग्रेस का चुनाव है। अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी की निंदा करने संबंधी सिंह का यह बयान उस दिन आया है, जब पंजाब में सभी 13 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री स्पष्ट रूप से 17 मई को बठिंडा में सिद्धू द्वारा की गई उस विद्रोही टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे जिसमें वे राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरते हुए दिखाई दिए थे और उन्होंने सवाल किया था कि 2015 में बेअदबी और पुलिस गोलीबारी की घटनाओं के सिलसिले में बादल परिवार के जिम्मेदार सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नही दर्ज की गई?
सिद्धू ने बठिंडा में कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा के समर्थन में प्रचार करते हुए कहा था कि यदि 2015 की बेअदबी की घटनाओं के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे इस्तीफा दे देंगे।
सिंह ने कहा कि सिद्धू के खिलाफ कोई कार्रवाई करने पर फैसला करने का अधिकार पार्टी हाईकमान के ऊपर है लेकिन कांग्रेस एक पार्टी के रूप में अनुशासनहीनता को सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से सिद्धू के साथ उनके कोई मतभेद नहीं हैं और वे उन्हें तब से जानते हैं, जब वे (सिद्धू) बच्चे थे। शायद वे महत्वाकांक्षी हैं और मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
कुछ दिन पहले सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने सिंह और पंजाब कांग्रेस मामलों की प्रभारी आशा कुमारी पर अमृतसर संसदीय सीट से उन्हें टिकट नहीं दिए जाने का आरोप लगाया था। हालांकि सिंह ने इस आरोप को खारिज किया था। सिद्धू ने अपनी पत्नी के आरोप का समर्थन किया था और कहा था कि वह कभी झूठ नहीं बोलती है।
जब सिद्धू से यह पूछा गया था कि मुख्यमंत्री ने कौर के आरोपों को खारिज किया है तो उन्होंने 16 मई को कहा था कि मेरी पत्नी के पास इतनी ताकत और नैतिक अधिकार है कि वह कभी झूठ नहीं बोलेगी। यही मेरा जवाब है।