बेंगलुरु। कला, नीति, खेलकूद जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त 500 से अधिक महिलाएं 23 से 25 फरवरी तक होने वाले 8वें इंटरनेशनल वूमन कॉन्फ्रेंस में भाग लेने आएंगी जिसका शीर्षक है, 'जीवन : एक रहस्यमयी यात्रा' और यह कॉन्फ्रेंस आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशलन सेंटर, बेंगलुरू पर आयोजित होगी।
आईडब्ल्यूसी के दो अनूठे उद्देश्य हैं- व्यक्तिगत स्तर पर विकास और सामूहिक कार्य। यह विस्तार पर महिलाओं को साझेदारी निर्माण और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करने में सहायता प्रदान करता है। इस वर्ग की वक्ताओं में अरुंधति भट्टाचार्य, पूर्व अध्यक्ष, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, चेतना गला सिन्हा, संस्थापक- अध्यक्ष मन देशी बैंक और मन देशी फाउंडेशन, रानी मुखर्जी, भारतीय अभिनेत्री, वंदना शिवा, पर्यावरणविद और इकोलॉजिस्ट; मधु शाह, अभिनेत्री, मृदुला सिन्हा, राज्यपाल, गोवा, एंड्रियान मारेस, थिओरेटिकल फिजिसिस्ट, सेप अफ्रीका में इनोवशन हेड, प्रोफेसर, मैत्री विक्रमसिंघे, सेंटर फॉर स्टडीज, केलानिया की संस्थापक निदेशक। 'महिलाएं शांति बनाने में आगे हैं।
वे हिंसाविहीन, तनावविहीन समाज के निर्माण के कार्य में लगी हुई हैं। यह कॉन्फ्रेंस शांति और एकता का संदेश देती है।' आईडब्ल्यूसी की अध्यक्ष भानुमती नरसिम्हन ने बताया। अनेक क्षेत्रों में महिलाएं आगे आकर नेतृत्व कर रही हैं। आईडब्ल्यूसी इस को आगे बढ़ा रही है। यह महिला नेतृत्व के साथ कार्य कर रही है ताकि उनका प्रभाव और बढ़े और हर वर्ग में महिलाओं को विश्वस्तर पर आगे बढ़ने में सहायता मिले। 2018 की कॉन्फ्रेंस आध्यात्मिक मार्ग से शांति और सशक्तीकरण की नवीन राह की खोज करेगी।
'किसी भी समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका सबसे ज्यादा होती है। इसी एक विषय से किसी भी समाज की शक्ति और एकता का पता चल जाता है।' गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर, आर्ट ऑफ लिविंग, जो इस कांफ्रेंस की साझेदार हैं, के संस्थापक ने कहा। 2005 के अपने आरंभ से ही कॉन्फ्रेंस ने अनेकता और विशेषता पर फोकस रखा है।
लगभग 100 देशों के 375 प्रमुख वक्ता और 5,500 गणमान्य व्यक्ति भाग ले चुके हैं। आईडब्ल्यूसी संकटग्रस्त क्षेत्रों में संकट के बाद महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए भी फोकस है। ये वर्ल्ड बैंक इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर इराक की विधवाओं के लिए कौशल विकास के साथ अन्य सशक्तीकरण के कार्य कर चुकी है।