Karnataka: बागी BJP विधायक ने किए चामुंडेश्वरी मंदिर में दर्शन, मीडिया से बनाए रखी दूरी

भारतीय जनता पार्टी के बागी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शुक्रवार को यहां चामुंडेश्वरी मंदिर की अपनी यात्रा के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी। पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति द्वारा उन्हें नोटिस दिया

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025 (17:49 IST)
Basanagouda Patil Yatnal: भारतीय जनता पार्टी के बागी विधायक बसनगौड़ा (Basanagouda) पाटिल यतनाल ने शुक्रवार को यहां चामुंडेश्वरी (Chamundeshwari) मंदिर की अपनी यात्रा के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी। पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति द्वारा उन्हें नोटिस दिया गया है। यतनाल ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से येदियुरप्पा (Yeddyurappa) की वंशवाद की राजनीति को समाप्त करने का आग्रह किया था ताकि भाजपा, कांग्रेस पार्टी की वंशवाद की राजनीति के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ सके।ALSO READ: कर्नाटक में ट्रांसजेंडर ने रचा इतिहास, राज्‍य की पहली अतिथि व्याख्याता नियुक्त
 
पहाड़ी पर स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चिंचोली में सिद्धसिरी पावर और इथेनॉल संयंत्र को शुरू करने की अनुमति दे दी है। इस प्रयास में हमें आशीर्वाद देने के लिए चामुंडेश्वरी अम्मानवारु से विशेष प्रार्थना की। हमारी फैक्टरी रोजगार पैदा करेगी और क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। सत्यमेव जयते।
 
बसनगौड़ा को दूसरी बार नोटिस दिया गया था : विजयपुरा के विधायक को भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और उनके बेटे तथा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेन्द्र के खिलाफ मुखर होने के कारण भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति द्वारा 2 महीने के भीतर दूसरी बार नोटिस दिया गया था। यतनाल ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से येदियुरप्पा की वंशवाद की राजनीति को समाप्त करने का आग्रह किया था ताकि भाजपा, कांग्रेस पार्टी की वंशवाद की राजनीति के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ सके।ALSO READ: कर्नाटक में महिला मंत्री की शिकायत पर भाजपा नेता हिरासत में, सीटी रवि ने भी दर्ज कराई शिकायत
 
येदियुरप्पा और उनके परिवार पर लगाया था आरोप : उन्होंने येदियुरप्पा और उनके परिवार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अपने निहित स्वार्थों की रक्षा के लिए कांग्रेस के साथ 'साठगांठ की राजनीति' में लिप्त होने का आरोप भी लगाया था। आमतौर पर मुखर रहने वाले यतनाल चुपचाप मंदिर में गए और मंदिर के बाहर खड़े पत्रकारों को कोई बयान देने से बचते रहे। जब वे मंदिर से बाहर निकले तो कुछ लोगों ने 'जय विजयेन्द्र' के नारे लगाए।
 
अपनी संपत्तियों पर अधिकार का दावा करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को वक्फ बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ पिछले वर्ष यतनाल ने बीदर से चामराजनगर तक मार्च निकाला था। गोकक से भाजपा विधायक रमेश जारकीहोली, पूर्व विधायक और मंत्री यतनाल के वक्फ विरोधी मार्च में शामिल हुए। इस मार्च को भाजपा के राज्य नेतृत्व के साथ-साथ सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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