यहां स्नान करने से दूर होते हैं असाध्य रोग!

Webdunia
गुरुवार, 15 जून 2017 (12:20 IST)
आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत कुएं के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको लेकर अजीबोगरीब किस्से व कहानियां जुड़ी हुई हैं। पहले तो हमें भी विश्वास नहीं हुआ। पर जब वहां जाने का मौका मिला तो हम भी आस्था का सैलाब देखकर इस अद्भुत कुएं से जुड़ी कहानियों पर यकीन करने को मजबूर हो गए। इस कुएं के पानी को सेवन करने के लिए न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि सुदूर प्रदेशों से भी लोग यहां आते हैं। 
 
यूपी की राजधानी लखनऊ से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर बांदा पड़ता है। बांदा से चित्रकूट जाते समय भरतकूप पड़ता है। जब आप इस अद्भुत भरतकूप के नजदीक पहुंचते हैं तो अचंभित रह जाएंगे कि एक छोटे से गांव में आखिर इतने सारे लोग कैसे हैं। दरअसल, भारत के कोने-कोने से यहां पर लोग इस अद्‍भुत कुएं के पानी से स्नान करने के लिए आते हैं।
 
दिनभर भरतकूप गांव में मेला सा लगा रहता है। लोग यहां पर मौजूद मंदिर के दर्शन कर भरतकूप के पानी से स्नान किए बगैर नहीं जाते हैं। यहां पर आने वाले लोगों की अगर मानें तो इस कुएं के पानी से स्नान करने के बाद कुष्ठ रोग एवं अन्य असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। इसी गांव के निवासी 80 वर्षीय रामदुलारे ने बताया कि जीवन में कोई भी दिन ऐसा नहीं गया, जब उन्होंने इस कूप पर स्नान न किया हो। 
 
रामदुलारे ने बताया कि जब से उन्होंने होश संभाला है, वह इस अद्भुत कुएं को देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज बताया करते थे कि जब प्रभु श्रीराम चौदह साल का वनवास काटने के लिए चित्रकूट आए थे, उस समय भरत जी अयोध्या की जनता के साथ उन्हें यहां मनाने आए थे। साथ में प्रभु का राज्याभिषेक करने के लिए समस्त तीर्थों का जल भी लाए थे, लेकिन भगवान राम चौदह साल वन में रहने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थे। अत: वे वापस नहीं लौटे। 
 
इस पर भरत जी काफी निराश हुए और जो जल व सामग्री प्रभु के राज्याभिषेक को लाए थे। उसको इसी कूप में छोड़ दिया था और भगवान राम की खड़ाऊ लेकर लौट गए थे। तब से ही इस कुएं को भूरत कूप के नाम से जाना जाता है। यहां पर बना भरतकूप मंदिर भी अत्यंत भव्य है। इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न की मूर्तियां विराजमान हैं। सभी प्रतिमाएं धातु की हैं। वास्तुशिल्प के आधार पर मंदिर काफी प्राचीन है।
 
रामदुलारे ने बताया कि उनके पूर्वज बताते थे कि बुंदेली शासकों के समय मंदिर का निर्माण हुआ था। इस कूप में स्नान से समस्त तीर्थों का पुण्य तो मिलता ही है साथ ही शरीर के असाध्य रोग भी दूर होते हैं। इसका वर्णन तुलसीदासजी ने रामचरित मानस में भी किया है। वैसे तो यहां पर साल भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन सबसे अधिक श्रद्धालु मकर संक्रांति पर यहां आते हैं। मकर संक्रांति पर यहां पांच दिवसीय मेला भी लगता है। प्रत्येक अमावस्या को भी यहां पर श्रद्धालु स्नान करने के बाद चित्रकूट जाते हैं और फिर मंदाकिनी में स्नान कर कामदगिरि की परिक्रमा लगाते हैं।
Show comments

जरूर पढ़ें

टैरिफ का टेरर, धराशाही हुए दुनियाभर के शेयर बाजार, चीन ने बताया आर्थिक धौंस, ट्रंप बोले- फैसला वापस नहीं लूंगा

मध्यप्रदेश में OBC को 27 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

पटना में राहुल गांधी के जाते ही भिड़े कार्यकर्ता, सांसद अखिलेश ने मारा थप्पड़

UP : जेल में बंद मुस्कान की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजीटिव, छिड़ेगी जंग बच्चा प्रेमी साहिल का या सौरभ का

Waqf को लेकर CM उमर पर बरसीं महबूबा, बोलीं शर्म की बात है कि...

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : पूर्व BJP सांसद को मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोका, जानिए क्‍या है मामला...

LIVE: भारत आएगा 26/11 का आरोपी तहव्वुर राणा

Bengaluru : महिला से छेड़छाड़ मुद्दे पर गृहमंत्री परमेश्वर ने की विवादित टिप्‍पणी, BJP ने राहुल और प्रियंका गांधी से की यह मांग

टैरिफ का टेरर, धराशाही हुए दुनियाभर के शेयर बाजार, चीन ने बताया आर्थिक धौंस, ट्रंप बोले- फैसला वापस नहीं लूंगा

Gold : सस्ता हुआ सोना, चांदी के भावों में 3000 रुपए की गिरावट, क्या और गिरेंगे भाव

अगला लेख