Allegation of molestation of a woman in Bengal Raj Bhavan: राजभवन की एक संविदा कर्मचारी द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें लगता है कि उनके खिलाफ ऐसे और भी आरोप लगेंगे। दूसरी ओर, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें एक शिकायत मिली है और वे इसकी जांच कर रहे हैं।
आरोपों को बेतुका नाटक करार देते हुए बोस ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि कोई भी उन्हें भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के उनके दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएगा। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी की इसमें कोई भूमिका नहीं है। साथ ही तृणमूल ने सच्चाई का पता लगाने के लिए आरोप की निष्पक्ष जांच की मांग की।
ALSO READ: ममता बनर्जी बोलीं- UCC से हिंदुओं को कुछ फायदा नहीं होगा, यह BJP की राजनीतिक चाल
अभी बहुत कुछ होने वाला है : राजभवन की ओर से जारी, रिकॉर्ड किए गए एक बयान में बोस ने कहा कि मैं कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा मुझ पर लगाए गए सभी आरोपों और लगातार आक्षेपों का स्वागत करता हूं। मैं समझता हूं मेरे दोस्तो, अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है। लेकिन एक बात स्पष्ट है, कोई भी बेतुका नाटक मुझे भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के मेरे दृढ़ प्रयासों से नहीं रोक पाएगा। बोस ने कहा कि राजभवन में एक और भी भयावह साजिश रची गई है।
यह कोई तूफान नहीं : उन्होंने कहा कि मैंने कई तूफानों का सामना किया है। मैं, मेरे खिलाफ साजिश रच रहे उस राजनीतिक दल से कहता हूं कि यह कोई तूफान नहीं है। यह केवल तेज हवा की तरह है। अगर तुम्हें एहसास हो कि मैं तूफ़ान हूं तो आश्चर्यचकित मत होना। अपने शस्त्रागार से सभी हथियार बाहर लाओ। इसे मेरे खिलाफ इस्तेमाल करो। मैं चाहता हूं, मैं तैयार हूं। मैं बंगाल के अपने भाइयों और बहनों के मान-सम्मान के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के इस दावे के बाद कि राजभवन में काम करने वाली एक महिला ने उनके खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं, बोस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह इससे डरेंगे नहीं और अंतत: सच्चाई की जीत होगी। उनका बयान वरिष्ठ तृणमूल नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट की एक श्रृंखला में यह दावा किए जाने के बाद आया कि आरोप लगाने वाली महिला को बोस के खिलाफ शिकायत करने के लिए एक पुलिस थाने ले जाया गया है।
पुलिस कर रही है जांच : पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें एक शिकायत मिली है और वे इसकी जांच कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और उद्योग मंत्री शशि पांजा ने शुक्रवार को कहा कि इसके पीछे पार्टी का कोई एजेंडा और कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि छेड़छाड़ की कथित घटना चौंकाने वाली है और इस पर विश्वास करना मुश्किल है कि यह राजभवन के अंदर हुआ है।
ALSO READ: भाजपा अध्यक्ष नड्डा बोले, क्या लोगों को डराकर चुनाव जीतना चाहती हैं ममता बनर्जी?
शशि ने कहा कि किसी राज्यपाल के खिलाफ इस तरह का आरोप पहले कभी नहीं लगा। इससे निश्चित रूप से राज्यपाल के पद की प्रतिष्ठा कम हुई है। हम मांग करते हैं कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वही राज्यपाल हैं जो संदेशखाली गए थे और वहां की महिलाओं की बात सुनी थी, जिन्होंने स्थानीय टीएमसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
ममता की मंत्री पांजा का सवाल : उन्होंने कहा कि अब वही व्यक्ति राजभवन की एक महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए ऐसे आरोप का सामना कर रहा है। संविधान द्वारा राज्यपालों को दी गई छूट पर सवाल उठाते हुए पांजा ने कहा कि बंगाल के राज्यपाल ने कथित तौर पर जो किया वह अपराध है। फिर यह छूट क्यों? कानून अलग नहीं हो सकता। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।
पांजा ने यह भी सवाल किया कि कोई राज्यपाल किसी महिला मंत्री को राजभवन जाने से कैसे रोक सकता है? आरोप सामने आने के बाद बोस ने आदेश दिया था कि राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को राजभवन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। पांजा ने कहा कि राज्यपाल ऐसा कैसे कर सकते हैं? वह इतने आश्वस्त कैसे हो सकते हैं कि इन आरोपों के सामने आने के बाद हम महिला मंत्री राजभवन जाने की इच्छुक हैं? (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala