पारिवारिक मतभेद और कलह के चलते आत्महत्या करने वाले संत और आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज (उदय राव देशमुख) के ट्रस्ट और व्यक्तिगत संपत्ति को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी कीमत लगभग 1000 करोड़ के आसपास हो सकती है।
भय्युजी महाराज और उनके ट्रस्ट ने मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र में भी काफी काम किए थे और उनके कई आश्रम थे। बताया जा रहा है कि उनके ट्रस्ट और व्यक्तिगत संपत्ति का वर्तमान में बाजार मूल्य 1000 करोड़ के लगभग है।
लेकिन उनके सुसाइड नोट के अनुसार उन्होंने अब इस सारी संपत्ति के समस्त अधिकार विनायक को सौंपे हैं। नोट के अनुसार अब लेन-देन के सारे कामों में विनायक के हस्ताक्षरों का उपयोग होगा।
विनायक पिछले डेढ़ दशक से भय्यूजी का सेवादार था और उनके साथ छाया की तरह रहता आया है। भय्यूजी कई मामलों में विनायक से चर्चा करते थे और उनके परामर्श को महत्व भी देते थे। सुसाइड नोट के आधार पर इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने बताया कि सुसाइड नोट में संपत्ति के सभी अधिकार सेवादार विनायक को दिए हैं। इस पत्र में उन्होंने विनायक पर उन्होंने सबसे ज्यादा भरोसा जताया है।
पर हैरानी की बात है कि उनके परिवार के सदस्यों को इस संपत्ति के अधिकार नहीं दिए गए हैं। इसके अलावा आत्महत्या से पहले महाराज द्वारा लिखे सुसाइड नोट्स और उनमें उपयोग कागजों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं भय्यू महाराज के अनुयायी भी चाहते हैं कि इस रहस्य से पर्दा जल्द से जल्द उठना चाहिए।