भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रतिष्ठित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के परिसर में एक बाघ के घुस आने के बाद गुरुवार से सुरक्षा कारणों से सीधी कक्षाएं बंद कर दी गई हैं और ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई है।
मैनिट के रजिस्ट्रार बिनोद डोले ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ के पैरों के निशान नजर आने की जानकारी दी, जिसके बाद कक्षाएं ऑनलाइन तरीके से लगाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा, हम शायद अगले सप्ताह सीधी कक्षाएं फिर शुरू कर सकेंगे।
क्योंकि वन विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि बाघ एक या दो दिन में अपने आप परिसर से बाहर निकल जाएगा। वन विभाग के कर्मचारियों ने पिंजरे लगाए हैं और और साथ ही बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे भी लगाए हैं।
डोले ने कहा कि परिसर का लगभग 100 एकड़ का हिस्सा वृक्षों से ढंका हुआ है तथा परिसर में करीब 1000 शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी उनके परिजन एवं 5000 विद्यार्थी हैं जिन्हें रात के समय आवास के अंदर रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए परिसर में अभ्यास किया है।
डोले ने कहा कि किसी ने बाघ को यहां प्रत्यक्ष तौर पर नहीं देखा है लेकिन उसके पैर के निशान देखे गए हैं तथा वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि बाघ ने दो या तीन गायों पर हमला किया है।
भोपाल के वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) आलोक पाठक ने बताया कि उनका विभाग चाहता है कि दो साल की उम्र का यह बाघ स्वाभाविक रूप से इलाके से बाहर निकल जाए। उनके अनुसार रायसेन और सीहोर जिलों के फैले रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से बाघ अब यहां केरवा इलाके में आने लगे हैं।Edited by Chetan Gour (भाषा)