नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में 1984 में सिखों के खिलाफ हुए दंगों के एक दोषी पर भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को हमला कर दिया। इससे पहले अदालत ने दोषियों की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मुजरिमों को पुलिसकर्मी परिसर में बनी हवालात में ले जा रहे थे जहां अदालत में सुनवाई के लिए लाए गए तिहाड़ और अन्य जेलों के कैदियों को रखा जाता है।
सिरसा और उनके समर्थक अदालत कक्ष के आसपास जमा हो गए जब दोनों दोषियों, नरेश शेरावत और यशपाल सिंह को सुनवाई के बाद ले जाया जा रहा था तो भाजपा नेता पुलिस घेरे में घुस गए और यशपाल को थप्पड़ मार दिया।
सिरसा और उनके समर्थकों का दावा था कि वे दंगा पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए आए थे।
पुलिस कर्मियों ने तेजी से दोषियों को सिरसा और उनके समर्थकों से अलग किया। बहरहाल, दोनों पक्षों ने एक दूसरे को अपशब्द कहे। इसके बाद और पुलिसकर्मियों को बुलाया गया और मुजरिमों को उनकी मौजूदगी में हवालात में ले जाया गया।
इस बीच, सिरसा ने तिलक मार्ग थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सिखों को अपशब्द कहने और उन्हें धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने बाद में ट्वीट किया, '34 साल बाद भी सिखों को इंसाफ का इंतजार है। कांग्रेस के गुंडे हमारे जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं और 1984 में हुए सिखों के नरसंहार को दोहराने की धमकी देते हैं। हम और नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैंने दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में आज मौजूद गुंडा तत्वों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।'
पीड़ित परिवार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील एच एच फुल्का ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं पीड़ित के मामले को प्रभावित कर सकती हैं। सबको अपनी भावनाओं पर काबू रखना चाहिए और अदालत परिसर में शांति कायम रखनी चाहिए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे ने नरेश शेरावत और यशपाल सिंह को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर इलाके में दंगों के दौरान हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या का दोषी ठहराया था। अदालत ने गुरुवार को उनकी सजा की अवधि पर दलीलों को सुना और अपना फैसला 20 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया।