जयपुर। राजस्थान सरकार ने सदन को कागजरहित बनाने के उद्देश्य से विधानसभा के सभी 200 विधायकों को बुधवार को आईफोन दिए थे। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तय किया है कि राज्य सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार को देखते हुए उसके विधायक ये आईफोन वापस कर देंगे।
कांग्रेस सरकार ने पिछले साल भी सभी 200 विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट पेश करने के बाद एपल के आईपैड बांटे थे। मुख्यमंत्री के बुधवार को बजट पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी और सभी विधायकों को सदन से बाहर निकलते समय आईफोन-13 दिया गया। आईफोन की कीमत 70,000 रुपए से अधिक है।
सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने कहा कि सदन कागजरहित होने जा रहा है और सदन के सदस्यों को 'हाईटेक' बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जलदाय विभाग के मंत्री महेश जोशी ने कहा कि तंत्र को कागजरहित करने और विधायकों को 'हाईटेक' बनाने के लिए स्मार्टफोन दिए गए हैं। हालांकि विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस सरकार के तोहफे को वापस करने का निर्णय किया है। 200 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 71 विधायक हैं।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने देर रात प्रधानमंत्री कार्यालय, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को 'टैग करते हुए ट्वीट में कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और अन्य विधायकों से चर्चा के बाद यह तय किया गया है कि भाजपा के सभी विधायक राज्य सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार को दृष्टिगत रखते हुए कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए आईफोन वापस करेंगे।
भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि कागजरहित होना और 'हाईटेक' बनना स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन इतनी बड़ी राशि खर्च करना और वह भी तब जब राज्य की अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में हो उचित नहीं है।