प्रधान वन संरक्षक एके जैन की मौत संदेह के घेरे में

अरविन्द शुक्ला
गुरुवार, 12 जुलाई 2018 (20:17 IST)
यूपी की शीर्ष नौकरशाही के भ्रष्टों से लोहा लेने वाले एक आईएफएस एके जैन दुनिया से विदा हो गए। उत्तरप्रदेश के अपर प्रधान वन संरक्षक व लखनऊ में भारत-जापान के सहयोग से चलाई जा रही जायका परियोजना के डायरेक्टर वरिष्ठ आईएफएस एके जैन की कार बुधवार की सुबह शाहजहांपुर के थाना तिलहर के एनएच24 के नगरिया मोड़ पर एक अन्य ट्रक से टकराई और जिंदगी उनसे दूर हो गई। वे नोएडा से लखनऊ आ रहे थे।
 
ऊपरी तौर पर एके जैन की मौत तो एक सड़क दुर्घटना प्रतीत होती है किन्तु जैन के परिजनों का आरोप है कि दुर्घटना के पीछे षड्‍यंत्र है। एके जैन के भाई विवेक जैन आगरा के जाने-माने पत्रकार हैं। एके जैन का अपने ही सिस्टम से लड़ने का माद्दा था, इसीलिए षड्‍यंत्र के पीछे वन माफियाओं का हाथ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव वन पर नोटबंदी के दौरान नोट बदलने व करोड़ों के गबन व मनीलांड्रिंग का आरोप लगाया था। 
 
एके जैन का अंतिम संस्कार आज बृहस्पतिवार को आगरा, ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में कर दिया गया। 
गत वर्ष आगरा के चीफ कंजर्वेटर रहते इसी ईमानदार और बेबाक आईएफएस ने यूपी के महाभ्रष्ट व तत्कालीन अपर मुख्य सचिव वन संजीव सरन को बेनकाब करते हुए नोटबंदी के दौरान उन पर नोट बदलने व करोड़ों के गबन का आरोप लगाया था। 
 
एके जैन ने इस आशय का एक पत्र सरकार को लिखा था जिसमे 4000 करोड़ से ऊपर के घोटाले के आरोपी संजीव सरन के प्रमोशन से लेकर नोटबंदी के दौरान वन विभाग के ही बैरियर से करोड़ों की उनकी अवैध करेंसी को नई नकदी में बदलवाने और विदेशों में काली कमाई से खड़े किए गए होटलों का पूरा ब्योरा था।
 
सरकार ने आईएएस संजीव सरन के खिलाफ जांच व कार्रवाई करने के बजाय आईएफएस जैन को ही प्रतीक्षारत कर दिया। अपने ही महकमे के कई भ्रष्टाचार को उन्होने उजागर किए। उन्होंने ही सोनभद्र में हजारों करोड़ के वन भूमि समेत पूरे प्रदेश में बड़े वन घोटालों को उजागर किया। संजीव सरन के खिलाफ ये प्रकरण वाकई अरबों की काली कमाई और मनीलांड्रिंग का है, जिसके पूरे साक्ष्य भी उनके पास थे। 
 
बताया जाता है कि आगरा का भ्रष्ट डीएफओ केके सिंह फर्जी तरीके से कैसे नियुक्ति पाकर आईएफएस बन गया, इसकी जांच करके सीबीआई जांच की सिफारिश उन्होंने ही की थी। लेकिन सरकार में बैठे लोगों ने पूरी फाइल दफन करा दी। शासन में तमाम आईएफएस अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के संगीन मामलों की जांचें लंबित थी। जिसके भी साक्ष्य जैन के पास थे।

 
पिछले महीने की शुरुआत में ही कई आईएफएस अफसरों संग एके जैन का तबादला सीधे लखनऊ में जायका के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर हुआ था और अब सड़क दुर्घटना में उनकी मौत संदिग्ध मानी जा रही है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, 16 विधेयक पेश करने की तैयारी, वक्फ बिल पर सबकी नजर, अडाणी मामले पर हंगामे के आसार

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

PM मोदी करेंगे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

अगला लेख