कानपुर देहात। कहते हैं अगर आप सच्चाई की लड़ाई लग रहे हैं तो हो सकता है इस लड़ाई में आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़े लेकिन अंत में जीत सच्चाई की होती है। इसका जीता जागता उदाहरण कानपुर देहात के सिकंदरा में देखने को मिला है। जहां पर सच्चाई की लड़ाई लड़ते-लड़ते भले ही 20 साल लग गए लेकिन जीत सच्चाई की हुई और कोर्ट के आदेश पर सिकंदरा में पूर्व वायुसैनिक के घर में घुसकर लूटपाट करने के बीस वर्ष पुराने मामले में तत्कालीन एसओ समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
क्या था मामला : कानपुर देहात के थाना सिकंदरा निवासी पूर्व वायुसैनिक शिव सिंह यादव ने बताया कि 10 अप्रैल 2002 को कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ वाद दाखिल करते हुए कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कोर्ट को बताया था कि तत्कालीन एसओ महिपाल सिंह तोमर,एसआई दान सिंह,मुंशी श्याम नारायन समेत अन्य छह पुलिसकर्मी 25 फरवरी 2002 को उनके घर पहुंचे और घर में जमकर उपद्रव मचाया।
कानपुर नगर में तैनात रहे दरोगा दिनेश त्रिपाठी के खिलाफ लड़ रहे मुकदमे को वापस लेने का दबाव बनाने लगे और फिर आलमारी का ताला तोड़कर मुकदमे से जुड़े जरूरी कागजात, जेवर व नकदी करीब 8500 रुपए लूट ले गए।जिसके बाद इन पुलिसकर्मियों की शिकायत पुलिस अधीक्षक से लेकर कई आला अधिकारियों से की, लेकिन कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
स्थगन आदेश के चलते हुई देरी : शिव सिंह यादव ने बताया कि इस दौरान तत्कालीन एसओ हाईकोर्ट चले गए और वहां से स्थगन का आदेश ले आए।जिसके चलते पूरा मामला कोर्ट में लंबित हो गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार वह हाईकोर्ट में भी स्थगन आदेश के खिलाफ लड़ते रहे।
जिसके चलते हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश निरस्त कर दिया और पूरे मामले की सुनवाई एक बार फिर शुरू। 26 अगस्त 2022 को न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दंड प्रक्रिया क्षेत्र) कानपुर देहात ने प्रकीर्ण वाद में तत्कालीन एसओ सिकंदरा समेत छह पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
कब होगी गिरफ्तारी : शिव सिंह यादव ने बताया कि माननीय न्यायालय ने उन्हें न्याय दे दिया है और मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं लेकिन अब देखना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक होती है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाई है।