बीरभूम हिंसा की जांच अब सीबीआई करेगी। यह आदेश कोलकाता हाई कोर्ट ने दिया है। वहां हिंसा के बाद आग से जलकर 2 बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। बीरभूम जिले के रामपुरहाट थाना क्षेत्र के बोगटूई गांव में सोमवार की शाम तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की हत्या के बाद हुई भीषण हिंसा की जांच आखिरकार कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआइ को सौंप दी।
बीरभूम हिंसा की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी गई है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की उस मांग को ठुकरा दिया जिसमें उसे बंगाल पुलिस से मामले की जांच कराने को कहा गया था। कोर्ट ने बंगाल के महाधिवक्ता से कहा कि हमें अपने आदेश को रोकने के पीछे कोई कारण नजर नहीं आता।
बंगाल के बीरभूम में 22 मार्च को घरों में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना टीएमसी नेता की हत्या के 1 दिन के बाद हुई थी। मरने वालों में 3 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। मृतकों में एक नवविवाहित जोड़ा लिली खातून और काजी साजिदुर भी शामिल है। ऑटोप्सी रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया है कि पीड़ितों को जिंदा जलाने से पहले पीटा गया था। इस घटना ने स्थानीय लोगों को रामपुरहाट के बोगटुई गांव से भागने के लिए प्रेरित किया, जहां हिंसा हुई थी।