भावनगर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को कहा कि खालिस्तान समर्थकों को पाकिस्तान और अन्य देशों से आर्थिक मदद मिल रही है। मान का यह बयान खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों की हालिया गतिविधियों की पृष्ठभूमि में आया है। मान ने कहा कि अमृतपाल पंजाब के वारिस नहीं हैं।
एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गुजरात पहुंचे मान ने खालिस्तानी तत्वों से निपटने के लिए किसी ठोस रणनीति का खुलासा किए बिना कहा कि पंजाब पुलिस इस मुद्दे से निपटने में सक्षम है और केवल कुछ ही लोग पंजाब में खालिस्तान-समर्थक आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं।
सिंह प्रकरण के बाद राज्य में लगे खालिस्तान समर्थक नारों के बारे में पूछे जाने पर मान ने कहा कि क्या आपको लगता है कि 1,000 लोग (जिन्हें खालिस्तान समर्थक नारे लगाते देखा गया है) पूरे पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हैं? आप पंजाब आइए और खुद देखिए कि कौन ऐसे नारे लगा रहे हैं?
गुजरात के भावनगर शहर में एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मान ने कहा कि इसके पीछे मुट्ठी भर लोग ही हैं जो पाकिस्तान और दूसरे देशों से मिलने वाली राशि से अपनी दुकान चलाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान, हालांकि पाकिस्तान के साथ एक बड़ी सीमा साझा करता है, फिर भी ड्रोन (पाकिस्तान से भेजे गए) पंजाब में ही क्यों आते हैं, राजस्थान में क्यों नहीं? क्योंकि उनके (खालिस्तानी तत्वों के) आका वहां (पाकिस्तान में) बैठे हैं और वे पंजाब को परेशान करना चाहते हैं, लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे।
हाल ही में अमृतसर के बाहरी इलाके अजनाला में एक थाने के अंदर खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति लाने के कृत्य का जिक्र करते हुए मान ने कहा कि सिखों की पवित्र पुस्तक को ढाल के रूप में थाने ले जाने वाले लोगों को पंजाब का वारिस नहीं कहा जा सकता।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस घटना को मामूली करार दिया और आने वाले दिनों में सिंह के कथित तौर पर और हिंसा की धमकी को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह ख्याली पुलाव है। पंजाब ने पूर्व में भी ऐसे काले दिन देखे हैं। पंजाब पुलिस उनसे निपटने में सक्षम है और हम उन्हें शांतिपूर्ण माहौल भंग नहीं करने देंगे। भाषा Edited By : Sudhir Sharma