देहरादून। उत्तराखंड चारधाम यात्रा 18 सितंबर से संचालित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात ट्वीट कर कहा कि चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी। पर्यटन विभाग इस सिलसिले में शुक्रवार को एसओपी जारी कर सकता है। इस बीच मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने भी पर्यटन समेत यात्रा से जुड़े विभिन्न विभागों और देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक कर चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ ही आवश्यक निर्देश दिए।
यात्रा पर लंबे समय से लगी रोक पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1,000, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दे दी है। चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को 72 घंटे पूर्व तक की कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा दोहरी वैक्सीन का प्रमाण पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा। साथ ही तीर्थयात्रियों को देवस्थानम बोर्ड में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने सचिवालय में चारधाम तैयारियों की बैठक के दौरान संबंधित सभी विभागों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के लिए समय काफी कम बचा है, वे अपनी सारी तैयारियां पूरी करें। उन्होंने कहा कि चारधाम प्रदेश के लाखों व्यक्तियों के रोजगार और आजीविका का साधन है। चारधाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन कराना और सैनिटाइजेशन करना सुनिश्चित किया जाए।