नैनीताल उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगाई गई रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है। 26 जून को उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर लगाई रोक को गुरुवार को हाईकोर्ट ने हटाया तो इससे धामी सरकार ने बड़ी राहत की सांस ली। नैनीताल हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चारधाम की यात्रा पर 26 जून को रोक लगा दी थी। हालांकि उस दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्था मुकम्मल नहीं है। इस बाबत राज्य सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था का ब्योरा मांगने से भन्नाई सरकार इस मसले में एसएलपी दायर करने सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर तो सरकार ने कर दी लेकिन वहां इस मामले की सुनवाई लंबे वक्त से लंबित थी। लेकिन चारधाम यात्रा के शुरू न होने से प्रदेश में इस यात्रा को शुरू करने की मांग को लेकर जहां कारोबारी लगातार सरकार पर दबाव बना रहे थे वहीं विपक्षी पार्टियां भी सरकार को घेरने में लगी थीं। कांग्रेस ने न केवल इस मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष धरना दिया बल्कि हाईकोर्ट में पैरवी के लिए अपने वकीलों का दल भी तैनात कर दिया।
इससे परेशान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेकर 10 सितंबर को हाईकोर्ट में अनुरोध पत्र दाखिल किया था। जिस पर हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को सुनवाई करने की बात कही थी। लिहाजा 16 सितंबर को हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर हुई सुनवाई पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए लंबे समय से चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों को बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों को जाने की अनुमति दी है।
न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार हर भक्त या यात्री को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और 2 वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाना होगा। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स लगाने को भी कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने एंटी स्पिटिंग और एंटी लिटरिंग एक्ट 2016 के अनुसार सभी धामों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के भी आदेश सरकार को दिए हैं। हाईकोर्ट के इस निर्णय से चारधाम यात्रा पर लगी रोक के कारण चौतरफा घिर चुकी धामी सरकार को बड़ी राहत मिली है।