रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक पार्टियों द्वारा केवल चुनावी भाषणों, जनसभाओं, पोस्टरों एवं विज्ञापनों से ही नहीं, मतदाताओं को रिझाने की कोशिश नहीं होगी बल्कि उनकी चुनावी जंग को सोशल मीडिया के जरिए भी लड़ने की पूरी तैयारी है।
चुनावी वर्ष में सत्तारूढ़ भाजपा, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस एवं पहली बार चुनाव मैदान में उतर रही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने अभी से सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। नेता जहां इसका बेहतर इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया का राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमला बोलने के लिए इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं।
2014 के लोकसभा चुनावों तक सोशल मीडिया के जरिए चुनावी माहौल को पक्ष को मोड़ने की बातों को हंसी में उड़ा देने वाली राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस बार के यहां के विधानसभा चुनावों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सत्तारूढ़ दल से भी कहीं ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है। गुजरात में सत्ता से दूर रहने के बाद भी वहां सोशल मीडिया से विधानसभा चुनावों को अपने पक्ष में हवा बनाने में काफी कारगर मानते हुए पार्टी ने वहीं की टीम को यहां पर्यवेक्षण का काम सौंपा है।
सत्तारूढ़ भाजपा में सोशल मीडिया को आवश्यक हिस्सा बनाकर उससे लोगों को जोड़ने एवं चुनावी जंग में एक-दूसरे से आगे निकलने की निरंतर प्रक्रिया चल रही है। भाजपा की लगभग हर अहम चुनावी बैठकों में सोशल मीडिया की तैयारियों की समीक्षा हो रही है, वहीं जनता कांग्रेस में भी सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 40-50 समूह काम कर रहे हैं। राज्य में पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही आम आदमी पार्टी (आप) भी इस बारे में तैयारी कर रही है।
इस समय विकास कार्यों की गिनती करवानी हो या फिर एक-दूसरे पर कटाक्ष करने की हो, सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। राजनेता अभी से आमने-सामने का दंगल नहीं कर सोशल मीडिया के मैदान का इस्तेमाल कर एक-दूसरे को पटखनी देने की जी-तोड़ कोशिशों में जुट गए हैं। नेता फेसबुक, व्हॉट्सएप, ट्विटर के माध्यम से न केवल जनता के बीच अपनी बात रख रहे हैं, बल्कि विरोधियों पर भी निशाना साध रहे हैं।
सोशल मीडिया में अपनी छवि चमकाने और विपक्षी दल के नेताओं की धज्जियां उड़ाने के लिए राजनीति दल से जुड़े नेता व्यावसायिक लोगों की सेवाएं ले रहे हैं। राजनीतिक दलों के अलावा नेताओं द्वारा अपनी छवि चमकाने के लिए और विपक्ष की छवि बिगाड़ने के लिए बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की सेवा ली जा रही है, जो किसी पार्टी के सदस्य नहीं हैं, लेकिन बड़ी संख्या में उनके फ्रैंड्स व फॉलोअर हैं।
नेताओं व पार्टी के रणनीतिकारों को ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया की अहम भूमिका रहेगी। युवा मतदाताओं को रिझाने में बड़ा हथियार साबित होगा। यही कारण है कि निर्वाचन क्षेत्र में जाने से पहले सोशल मीडिया के जरिए माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।
राज्य सरकार 50 लाख मोबाइल फोन बांट रही है और जिन्हें दिया जा रहा है उसके पूरे आकंड़े सत्ता पक्ष के पास हैं, कांग्रेस एवं दूसरे दल भी उसे हासिल करने में लगे हुए हैं। पक्ष जहां अपनी बात सीधे मतदाताओं तक इन मोबाइलों के जरिए पहुंचाने को लेकर उत्साहित है, वहीं विपक्ष इनकी काट इन्हीं के जरिए करने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है।
भाजपा प्रदेश के सभी 23 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों पर अपने व्हॉट्सएप ग्रुप बना रही है जिसके जरिए वह सीधे जनता के बीच अपनी बात पहुंचा रही है, वहीं कांग्रेस ने भी विधानसभावार अपने व्हॉट्सएप ग्रुप बनाए हैं। वर्तमान में भाजपा के व्हॉट्सएप समूह की संख्या करीब 23,400 है, इसके अलावा फेसबुक पर 150 आईडी बनी हुई हैं। इसके अलावा सभी के व्यक्तिगत इंस्टाग्राम और एक ट्विटर भी है। इस सभी की मॉनिटरिंग करने लिए जिला और प्रदेश स्तर पर टीम है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने बताया कि पार्टी की ओर से वार्ड, जिला, प्रांत, मंडल और प्रदेश स्तर पर सोशल मीडिया के माघ्यम से व्हॉट्सएप समूह बनाए गए हैं। इन सभी को मोदी एप से भी जोड़ा गया है। अधिकतर स्थानों पर युवाओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग पार्टी कर रही है। मैदानी स्तर पर कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है। पार्टी के सांसद व विधायकों को सोशल मीडिया में अपनी सक्रियता बनाए रखने का निर्देश दिया है।
कांग्रेस भी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। प्रदेश कांग्रेस के व्हॉट्सएप समूह की संख्या करीब 1,075 है, इसके साथ फेसबुक पर करीब 95 आईडी हैं। प्रदेश कांग्रेस का एक ट्विटर हैंडल है। इन सभी की मॉनिटरिंग के लिए विधानसभा और प्रदेश स्तर पर एक टीम है।
कांग्रेस के आईटी विभाग के प्रदेश अध्यक्ष जयवर्धन बिस्सा ने बताया कि कांग्रेस के आईटी सेल के जरिए केंद्र व राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सोशल मीडिया में पार्टी अपनी बात आम लोगों व फॉलोअर्स के बीच बखूबी रख रही है। हमारे समूह की ओर से कोशिश की जा रही है कि सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से लोगों में पार्टी की अच्छी छवि पैदा करें।
वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के आईटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मेहुल मारू ने बताया कि उनकी पार्टी में भी सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 40-50 समूह काम कर रहे हैं। सरकार की गलत नीतियों को ग्राफिक्स के माध्यम से युवाओं के बीच प्रचारित कर अपनी पार्टी की रणनीति पर फोकस करने का काम जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ तेजी से कर रही है। (वार्ता)