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भारत के शौर्य, स्वाभिमान और सांस्कृतिक वैभव का प्रेरणा स्थल होगा छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय : योगी आदित्यनाथ

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हमें फॉलो करें Chief Minister Yogi Adityanath's statement regarding Chhatrapati Shivaji Maharaj Museum
लखनऊ (उप्र) , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025 (18:21 IST)
- मुख्यमंत्री योगी ने कहा- संग्रहालय में केवल इतिहास का स्थिर प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारत की गौरवगाथा का जीवंत अनुभव हो
- मुख्यमंत्री योगी ने की निर्माण कार्य की समीक्षा, जनवरी तक भवन निर्माण हर हाल में पूरा करने के निर्देश
- ‘शिवाजी एवं द ग्रेट एस्केप गैलरी’ में 7D तकनीक से आगरा किले से शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक मुक्ति का सजीव चित्रण होगा
- ‘अग्रदूतों की गैलरी’ में 1857 के अमर सेनानियों की गाथा आधुनिक तकनीक से प्रदर्शित होगी, लक्ष्मीबाई, नाना साहेब, तात्या टोपे जैसी विभूतियों को मिलेगा स्थान
Chief Minister Yogi Adityanath News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में आगरा में बन रहे छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारत के स्वाभिमान, सांस्कृतिक वैभव और वीरता का प्रेरणास्थल बनेगा। मुख्यमंत्री ने अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए शेष कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए और कहा कि भवन का निर्माण कार्य जनवरी तक हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए, ताकि संग्रहालय का स्वरूप देने का काम तय समय पर पूरा हो सके।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय केवल इतिहास का स्थिर प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव होना चाहिए, जहां आगंतुक भारत की गौरवगाथा को महसूस कर सकें। उन्होंने निर्देश दिया कि संग्रहालय की प्रत्येक गैलरी को ऐसी थीमैटिक और इंटरएक्टिव प्रस्तुति दी जाए, जिससे आगंतुक केवल दर्शक न रहकर सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री ने ‘शिवाजी एवं द ग्रेट एस्केप गैलरी’ के संबंध में निर्देश दिए कि इसमें आगरा किले से छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक मुक्ति की घटना को 7D तकनीक, डिजिटल साउंड, लाइट और विजुअल इफेक्ट्स के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए ताकि आगंतुक उस क्षण की वीरता और रणनीति को सजीव रूप में अनुभव कर सकें। उन्होंने कहा कि यह अनुभाग शिवाजी महाराज के स्वराज्य संकल्प का प्रतीक बने।
 
मुख्यमंत्री ने ‘अग्रदूतों की गैलरी’ में प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 के अमर सेनानियों से जुड़ी वस्तुओं, स्मृतियों और दस्तावेजों को सुरक्षित प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह गैलरी उन अग्रदूतों की गाथा कहे जिन्होंने स्वतंत्रता की नींव रखी। यहां झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब, तात्या टोपे और अनेक वीरों की स्मृतियां आधुनिक तकनीक के साथ प्रदर्शित हों।
मुख्यमंत्री ने ‘त्योहारों की गैलरी’ के संबंध में कहा कि इसमें काशी की महाशिवरात्रि और देव दीपावली, ब्रज का श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और रंगोत्सव, तथा प्रयागराज का महाकुंभ जैसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्वों का जीवंत चित्रण हो। उन्होंने निर्देश दिया कि यहां केवल तस्वीरें न लगाई जाएं, बल्कि प्रत्येक पर्व को इंटरएक्टिव अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया जाए, जहां प्रकाश, ध्वनि, संगीत और रंगों के माध्यम से आगंतुक उत्सव का अनुभव कर सकें।
 
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ‘नदियों की गैलरी’ में गंगा, यमुना, सरयू और घाघरा जैसी नदियों से जुड़ी आस्था, संस्कृति और लोकजीवन का सजीव चित्रण हो। साथ ही ‘देवासुर संग्राम’ जैसे अनुभाग के माध्यम से सृष्टि, धर्म और मानव मूल्यों की भारतीय व्याख्या को भी दर्शाया जाए।
उन्होंने कहा कि संग्रहालय परिसर में स्थापित सभी कलाकृतियां, मूर्तियां और स्थापत्य तत्व उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतिनिधित्व करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय की प्रत्येक दीवार, आंगन और कलाकृति बोलती हुई कहानी बने, जिसमें लोककला, पारंपरिक शिल्प और आधुनिक कला का समन्वय झलके।
 
मुख्यमंत्री ने ‘आगरा गैलरी’ में शहर की स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत को प्रमुखता से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए ताकि आगंतुकों को मुगलकालीन स्थापत्य, ब्रज संस्कृति और आधुनिक आगरा का समग्र परिदृश्य एक साथ देखने को मिले। उन्होंने ‘ओरिएंटेशन गैलरी’ को संग्रहालय की प्रस्तावना के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए, जहां आगंतुकों को संग्रहालय के उद्देश्य, छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उस कालखंड के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश का परिचय मिल सके।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय का उद्देश्य केवल अतीत का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा केंद्र बनना है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी गैलरियों और अनुभव क्षेत्रों में इंटरएक्टिव तकनीक, वर्चुअल रियलिटी, साउंड-लाइट शो और डिजिटल आर्काइव्स का प्रयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग और निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए कि परियोजना की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए सभी कार्य निर्धारित गुणवत्ता और समयसीमा में पूर्ण किए जाएं। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय आगरा की पहचान को नई ऊंचाई देगा और उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक गौरव का जीवंत प्रतीक बनेगा।
Edited By : Chetan Gour

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