नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के जुर्म में 26 साल के एक शख्स को 15 साल जेल की सजा सुनाई है। दोषी को सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि वह किसी नरमी का हकदार नहीं है।
अदालत ने ढाई साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न से जुड़े मेडिकल साक्ष्य पर भरोसा करते हुए दोषी को सजा सुनाई। अदालत ने यह भी कहा कि सरकारी गवाहों की गवाही भरोसेमंद पाई गई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम मनन की अदालत ने उत्तरी रोहिणी के आजादपुर गांव के रहने वाले शिवा पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने निर्देश दिया कि तीन लाख रुपए का मुआवजा पीड़ित बच्ची को दिया जाए। अदालत ने आदेश की एक प्रति दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को भी भेजी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह घटना मई 2013 में उस वक्त हुई थी, जब शिकायतकर्ता महिला अपने कमरे में अपनी दो बेटियों के साथ सो रही थी। शाम के वक्त जब वह जागी, तो उसे अपनी एक बेटी घर में नहीं मिली। इसके बाद उसने अपनी बेटी को खोजना शुरू कर दिया।
अपनी बेटी की चीख सुनने के बाद शिकायतकर्ता महिला छत पर गई और देखा कि शिवा नाबालिग बच्ची के साथ दुराचार कर रहा था। यह देखकर महिला ने शोर मचाना शुरू किया, जिसके बाद शिवा मौके से फरार हो गया। (भाषा)