वाराणसी। उत्तरप्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी में हरे शैवाल मिलने की खबर के मद्देनजर मंगलवार को उसकी जांच शुरू कर दी गई। अधिकारियों ने वाराणसी-मिर्जापुर के बीच तक कई स्थानों पर पानी के नमूने लिए।
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के निर्देशानुसार अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय) महेंद्र कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ) अवधेश पांडेय समेत अन्य अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को वाराणसी के खिड़कियां घाट से मिर्जापुर तक गंगा नदी में विभिन्न स्थानों पर शैवाल मिलने की सूचना मिली थी, उनमें से कई स्थानों के नमूने ले लिए हैं।
वाराणसी में 15-20 दिनों पूर्व गंगा नदी में हरे शैवाल पाए जाने की खबर सामने आई थी जिसकी जांच क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई। इसके बाद पुनः यह हरे शैवाल गंगा नदी में करीब 4 दिन पूर्व दिखा। इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी शर्मा ने सोमवार को ही अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय), क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ), अधिशासी अभियंता बंधी प्रखण्ड एवं महाप्रबंधक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की 5 सदस्यीय टीम गठित की। इस टीम ने नाव के माध्यम से गंगा नदी की धारा में जाकर हरे शैवाल पाए जाने के संबंध में इसके उद्गम, स्रोत तथा गंगा घाटों तक इनके पहुंचने के कारणों की जांच शुरू कर दी।
उन्होंने बताया कि 3 दिनों के भीतर गंगा नदी में समस्त आवश्यक भ्रमण करते हुए फोटोग्राफ्स तथा वीडियोग्राफ्स अपनी संयुक्त तथ्यात्मक जांच आख्या तथा इसके निवारण के विकल्प 10 जून की सायंकाल तक उन्हें हर हालत में उपलब्ध कराए जाने का टीम के अधिकारियों को निर्देश दिया था। (वार्ता)