चमोली। जोशीमठ शहर के रवि ग्राम और सिंह धार वार्ड के क्षेत्र में दरार के बाद बद्रीनाथ हाईवे पर पुरानी दरारें थीं जिनको बीआरओ ने सीमेंट से भर दिया था, उन जगहों पर फिर से दरारें दिखने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। यहां कुछ नए स्थानों पर भी हल्की दरारें दिखने लगी हैं। यात्रा शुरू होने के दौरान ये दरारें समस्या उत्पन्न कर सकती हैं।
बीआरओ के अधिकारी कह रहे हैं कि उनकी नजर इस पर है। अगर समस्या बढ़ती है तो उसे दुरुस्त किया जाएगा।बद्रीनाथ हाईवे पर हल्की दरारें नजर आने से बद्रीनाथ हाईवे पर इन दिनों उतना ट्रैफिक नहीं है। जोशीमठ से मारवाड़ी तक 10 किलोमीटर के हिस्से में 9 जगहों पर हाईवे भूधंसाव की चपेट में है। जिन जगहों पर सीमा सडक संगठन ने यहां खिली दरारों को सीमेंट से भर दिया गया था, वहां फिर से दरारें दिख रही हैं।
ऐसे में यह सवाल खड़ा होना लाजिमी है कि जब चारधाम यात्रा के दौरान यहां भारी संख्या में वाहनों को गुजारा जाएगा तो तब हाईवे की क्या स्थिति होगी? जोशीमठ बाजार से ही हाईवे पर दरारें दिख रही हैं। मारवाड़ी में जेपी कंपनी के स्टोर के पास ऊपरी क्षेत्र में सीमेंट और पत्थर की करीब 40 मीटर दीवार का अधिकांश हिस्सा भूधंसाव से फूला हुआ है।
जोशीमठ में एसबीआई के सामने, रेलवे गेस्ट हाउस के समीप, जीरो बैंड पर फरकिया पानी के पास, चुनार गांव जाने के रास्ते पर, जेपी कंपनी से 100 मीटर आगे, बीआरओ कार्यालय के समीप, मारवाड़ी फॉरेस्ट चौकी के पास, जेपी कंपनी के स्टोर के पास, मारवाड़ी पुल से 100 मीटर पहले हाईवे पर बीआरओ ने दरारों को सीमेंट से भरकर इसे दुरुस्त करने की कोशिश की लेकिन वहां फिर से दरारें दिख रही हैं।
भूधंसाव से प्रभावित जोशीमठ के जिन आवासों को बचाने के लिए शहर के 2 सबसे आलीशान होटलों को नेस्तनाबूद किया गया, वह पूरी कॉलोनी इन होटलों को तोड़ने के बावजूद जर्जर हो गई। होटल माउंट व्यू को पूरी तरह से तोड़ा जा चुका है जबकि मलारी इन की कुछ दीवारें तोड़ी जानी शेष हैं। बस मलबे का ढेर साफ करने में कुछ दिन और लगेंगे।
6 मंजिला मलारी इन और 5 मंजिला माउंट व्यू नगर के सबसे बड़े होटलों में शामिल थे, जो अब नहीं रहे। लेकिन सिंह धार वार्ड में जिन घरों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने होटल माउंट व्यू और मलारी इन का ध्वस्तीकरण करवाया, उनकी हालत अब काफी जर्जर हो चुकी है। स्थिति यह है कि इन मकानों में जाने में भी लोग डर रहे हैं। दीवारों पर गहरी दरारें आने से ज्यादातर मकान तिरछे हो गए हैं।
भूधंसाव के प्रभाव से सबसे पहले सिंह धार वार्ड के ही होटल माउंट व्यू और मलारी इन पर दरारें आने से वे तिरछे हो गए थे जिससे उनकी छतें आपस में चिपक गई थीं और आसपास के घरों को खतरा हो गया था। सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने सबसे पहले इसी क्षेत्र से लोगों को शिविरों में शिफ्ट किया था।
केदारनाथ मार्ग से बर्फ हटाकर इस मार्ग को यात्रियों के लिए सुगम बनाने का काम 15 अप्रैल तक सुनिश्चित करने के निर्देश रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने विभाग को दिए हैं। ये भी निर्देश जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने जारी किए हैं कि जिन जगहों पर बर्फ नहीं है, वहां अगर किसी प्रकार की टूटफूट है तो उसे भी दुरुस्त कर लिया जाए।
इन दिनों यूकाडा केदारनाथ हेली सेवा के लिए टेंडर की प्रक्रिया चला रहा है। इस बार केदारनाथ हेली सेवा के ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग IRCTC को सौंपने पर भी विचार किया जा रहा है। टेंडर के जरिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा से हेली सेवा संचालन के लिए 9 कंपनियों के साथ आगामी 3 साल का अनुबंध करेगा।
केदारनाथ हेली सेवा के लिए 70 प्रतिशत टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की जाती है जबकि 30 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग हेली सेवा संचालन करने वाली कंपनियों के माध्यम से जाती है। पिछले साल तक ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग का काम जीएमवीएन के माध्यम से होता था। हेली सेवा से केदारनाथ पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या पिछले साल 1.36 लाख रही।
यात्रा जब अपने उभार में रहती है तो मौसम की पल-पल खराबी से हेली सेवा का संचालन भी प्रभावित होता है जिससे टिकटों की एडवांस बुकिंग का बैकलॉग बढ़ने से यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में हेली सेवा के टिकटों के लिए मारामारी बनी रहती है।
इस बार उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत 22 अप्रैल से हो जाएगी। इस बार 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। उसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
Edited by: Ravindra Gupta