UP : योगी के मंत्री को जिंदा जलाने का ऐलान करने वाले सपा नेता पर केस दर्ज
सपा के पूर्व नेता मुकेश सिद्धार्थ का विवादित बयान
- मेरठ निगम बोर्ड बैठक में हुआ था विवाद
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मामले का वीडियो हुआ वायरल
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बयान के खिलाफ हुआ प्रदर्शन
भाजपा के एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज और राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर की गिरफ्तारी को लेकर कलेक्ट्रेट में विपक्ष द्वारा एक पंचायत/प्रदर्शन का आयोजन हुआ था, जिसमें सपा के पूर्व नेता मुकेश सिद्धार्थ ने योगी सरकार के ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर को जिंदा जला देने, घर में आग लगाने जैसा विवादित बयान दे दिया। पुलिस ने इस बयान के बाद सिद्धार्थ के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया।
मुकेश सिद्धार्थ के बयान के बाद प्रदर्शन में मौजूद विपक्ष के नेता सकते में रह गए और उन्होंने मुकेश के बयान को निजी राय बताते हुए कहा कि वह गांधी विचारधारा से जुड़े हैं, शांतिप्रिय व्यक्ति हैं। पुलिस ने इस बयान के बाद मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
बीती 30 दिसंबर को मेरठ निगम बोर्ड बैठक के दौरान दलित पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट हुई थी, मारपीट में भाजपा एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज और मंत्री सोमेंद्र तोमर के वीडियो वायरल हुए थे। हालांकि इस मामले में भाजपा की महिला पार्षदों का कहना है कि उनके साथ अभद्रता की गई थी, जिसके चलते एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज और मंत्री सोमेन्द्र तोमर ने विरोध किया।
जिसमें सपा, बसपा और अन्य पार्टियों के पार्षदों ने भाजपा के सदस्यों के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की थी। पुलिस ने इस मामले में विपक्ष की शिकायत पर अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया। विपक्ष ने एकजुट होकर अज्ञात में मुकदमा लिखे जाने का विरोध करते हुए कहा कि वायरल वीडियो और फोटो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि दलित पार्षदों से किसने मारपीट की है, फिर अज्ञात में मुकदमा क्यों?
बसपा के दलित पार्षद कीर्ति घोपाल ने अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत आलाधिकारियों से की थी। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दलित पार्षद से बदसलूकी के चलते विपक्ष एकजुट हो गया और उन्होंने भाजपा सदस्यों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए आज कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। विपक्ष प्रदर्शन में सपा के पूर्व नेता मुकेश सिद्धार्थ भी शामिल हुए, उन्होंने जनभावनाओं को भड़काने वाली बातें कहीं। हालांकि विपक्ष के नेताओं और पीड़ित दलित पार्षद ने मुकेश सिद्धार्थ की बात से किनारा करते हुए इसे उनकी व्यक्तिगत राय बताया।
मुकेश सिद्धार्थ यूपी एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। मेरठ कलेक्ट्रेट पर पंचायत के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेताओं और मीडिया के सामने खुले तौर पर कहा कि यदि राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर की 10 जनवरी तक गिरफ्तारी नहीं होती है, तो हम तय कर सकते हैं? उनको जिंदा जलाया जाए, उनका घर फूंका जाए। मुकेश ने पुलिस-प्रशासन को बहरा बताते हुए यहां तक कह दिया कि हम दुआ करते हैं कि इनके बच्चे भी बहरे हों।
वहीं बसपा पार्षद कीर्ति घोपाल ने अपना एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा है कि मुकेश सिद्धार्थ के बयान से हमारा कोई लेना-देना नहीं है, प्रदर्शन के दौरान अपशब्द बोलने वाले भाजपा के भेजे हुए एजेंट हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के मेरठ जिला महासचिव मनोज चपराणा ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि मुकेश सिद्धार्थ का समाजवादी पार्टी से वर्तमान में कोई रिश्ता नहीं है। समाजवादी पार्टी जिंदा जला देंगे, घर फूंकने जैसे बातों की घोर निंदा करती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री सोमेन्द्र तोमर को जलाकर मारने, घर जलाने वाले बयान पर पुलिस ने अपनी तरफ से सिविल लाइन में मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ गंभीर धाराओं में 143, 153, 153ए, 115, 353, 505, 2, 506 और 7 क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ है।
दूसरी तरफ मेरठ की सड़कों पर भी मुकेश सिद्धार्थ के विरोधस्वरूप उनका पुतला फूंका जा रहा है। मुकेश ने ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर को जला देने और फूंक देने जैसी अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिससे चलते कुंडा गांव में आक्रोश के चलते मुकेश सिद्धार्थ का पुतला फूंका गया।