जम्मू। कुछ बड़ा न कर पाने से हत्तोसाहित आतंकी अब कायराना हरकतों पर उतर आए हैं। रविवार को यहां उन्होंने निहत्थे पुलिस इंस्पेक्टर को ब्लैंक रेंज से गोलीमार कर शहीद कर दिया था वहीं आज सोमवार को उन्होंने एक स्कूल व हाईवे को निशाना बनाने का प्रयास किया। करीब 6 चीनी हथगोले बरामद कर लिए गए हैं। सुरक्षाधिकारी कहते हैं कि हादसा तो टला है पर खतरा नहीं।
श्रीनगर के बेमिना इलाके में सुरक्षाबलों की सतर्कता की वजह से एक बार फिर बड़ा हादसा टल गया। पुलिस पब्लिक स्कूल बेमिना के नजदीक हाईवे पर आतंकवादियों द्वारा सीमेंट की बोरी में रखे गए 6 हथगोलों को केरिपुब की रोड ओपनिंग पार्टी ने पता लगाकर बम निष्क्रिय दस्ते की मदद से उन्हें सुरक्षित जगह पर ले जाकर निष्क्रिय बना दिया। पुलिस के अनुसार यह घटना आज सुबह की है। केरिपुब (सीआरपीएफ) के जवानों की क्विक एक्शन टीम जब जम्मू श्रीनगर हाईवे पर गश्त लगा रही थी तभी उन्हें बेमिना में पुलिस पब्लिक स्कूल के सामने हाईवे के बीचोबीच डिवाइडर पर एक सीमेंट की बोरी दिखी। बोरी देखकर उन्हें शक हुआ और जब उन्होंने उसकी जांच की तो उसमें उन्हें हैंड ग्रेनेड दिखे।
जब जवानों ने बोरी को खाली किया तो वह यह देखकर दंग रह गए कि बोरी में करीब 6 ग्रेनेड रखे हुए थे। उन्होंने तुरंत हाईवे पर वाहनों की आवाजाही को बंद कर तुरंत 73 बटालियन के बम निष्क्रिय दस्ते को सूचित किया गया। दस्ते के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। जवानों ने सभी ग्रेनेड को अपने कब्जे में लिया और पुलिस की मदद से एक सुरक्षित स्थान पर लेकर उन्हें निष्क्रिय बना दिया। इस बरामदगी के बाद पुलिस महानिरीक्षक का कहना था कि आतंकी बड़ी वारदात को अंजाम देने को उतावले हैं जिसे हर सूरत में नाकाम बनाया जाएगा। उनका कहना था कि आतंकवाद की कमर तोड़ दी गई है और इक्का-दुक्का आतंकी ओवर ग्राउंड वर्करों की मदद से ऐसे हमलों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।
5 जिलों में बढ़ती गतिविधियों ने बढ़ाई चिंता: कश्मीर में आतंकवाद के कदम उखाड़ देने का दावा करने वाले सुरक्षाबलों के लिए अब चिंता का कारण जम्मू संभाग के 5 जिलों- किश्तवाड़, डोडा, रामबन, राजौरी तथा पुंछ में बढ़ती आतंकी गतिविधियां हैं। इन जिलों में आतंकियों के जमावड़े, हथियारों की लगातार बरामदगी और मुठभेड़ों के क्रम व गति को देखते हुए अधिकारी अब आप दावा करने लगे हैं कि आने वाले दिन इन जिलों में भयानक और चुनौतीभरे हो सकते हैं।
अधिकारियों ने इसे माना है कि आतंकी संगठन जम्मू संभाग में पुराने आतंकवाद ग्रस्त क्षेत्रों में दोबारा आतंकवाद को जिंदा करने के प्रयास में हैं। किश्तवाड़, डोडा, रामबन के बाद अब राजौरी एवं पुंछ जिले में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है ताकि जम्मू संभाग में इस तरह की वारदातें कर माहौल खराब किया जाए। पिछले एक महीने में सिर्फ राजौरी जिले में ही सेना का 3 बार आतंकियों से सामना हो चुका है जबकि एक बार आतंकियों ने भाजपा कार्यकर्ता के घर पर ग्रेनेड से हमला भी किया है।
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एक-एक करके जम्मू संभाग के उन जिलों में दोबारा आतंक फैलाना चाहती है, जहां 1990 के दशक में आतंकवाद चरम पर होता था। किश्तवाड़, डोडा, रामबन, किश्तवाड़, रियासी, राजौरी और पुंछ जिले में 1990 के दशक में आतंकवाद चरम पर था। इन इलाकों में अब शांति है, लेकिन पहले किश्तवाड़ और रामबन में आतंकी वारदातें शुरू की गईं।
2018 से 2019 तक किश्तवाड़ में भाजपा और आरएसएस नेताओं की हत्या करके माहौल खराब किया गया। आतंकियों ने पुलिसकर्मियों की भी हत्या की। अब राजौरी में भी ऐसा किया जा रहा है। राजौरी के थन्नामंडी में 2 बार आतंकियों से सेना की मुठभेड़ हो चुकी है। रविवार को भी सेना की आतंकियों से मुठभेड़ हुई। नतीजतन स्थिति यह है कि कश्मीर से जम्मू की ओर बढ़ते आतंकियों के कदमों ने सुरक्षाबलों के साथ साथ अब आम नागरिकों को भी चिंता में डालना आरंभ कर दिया है। अभी तक वे कई सालों से अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे थे क्योंकि जम्मू संभाग में आतंकवाद को दबा दिया गया था।