Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

तालिबान जैसे खतरे से निपटने के लिए भारत सुरक्षा बलों को देगा स्पेशल ट्रेनिंग

हमें फॉलो करें तालिबान जैसे खतरे से निपटने के लिए भारत सुरक्षा बलों को देगा स्पेशल ट्रेनिंग
, सोमवार, 13 सितम्बर 2021 (15:14 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने आतंकवादरोधी ग्रिड में तैनात सीमा बलों और शस्त्र पुलिस इकाइयों को तालिबान जैसे खतरे से निपटने के लिए नया प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करने और लागू करने को कहा गया है, ताकि अफगानिस्तान पर इस्लामिक मिलिशिया के कब्जे के बाद उत्पन्न स्थिति से निपटा जा सके।

 
निर्देश में पिछले महीने काबुल पर तालिबान के कब्जे का उल्लेख करते हुए कहा गया कि इससे भारत के सुरक्षा हालात पर गंभीर असर हो सकते हैं। इसमें जमीनी बलों और उनके खुफिया तंत्र से कहा गया है कि वे अपनी रणनीति और युद्ध कौशल को अद्यतन करें और मध्य एवं दक्षिण एशिया में पैदा भू-राजनीतिक स्थिति एवं उसके भारत की सीमा और उसके अंदरुनी हिस्सों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से लड़ने के लिए पाठ्यक्रम तैयार करें।
 
कुछ दिन पहले सुरक्षा प्रतिष्ठान द्वारा जारी निर्देश में ऐसे परिदृश्य की आशंका जताई गई है जिसमें पश्चिम में पाकिस्तान से लगती सीमा से घुसपैठ की कोशिश और पूर्वी सीमा पर खुली सीमा से विदेशी लड़ाकों सहित आतंकवादियों के गैर कानूनी प्रवेश की कोशिश बढ़ सकती है। केंद्रीय सुरक्षा बलों और खुफिया इकाइयों में तैनात अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि पिछले महीने अफगानिस्तान के सभी सूबों पर तालिबान के कब्जे, वर्ष 2001 के 9/11 आतंकवादी हमले के 20 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी से पड़ोस में नए घटनाक्रम हो रहे हैं।

 
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस आदि के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सीमा प्रबंधन की बदलती स्थितियां को शामिल किया गया है। अधिकारी ने बताया कि इसमें तालिबान से जुड़ी जानकारी भी शामिल की गई है लेकिन इसे अद्यतन नहीं किया गया है। इसमें खुले स्रोत से मिलने वाली प्रमाणिक जानकारी और गोपनीय तरीके से हमें मिली जानकारी को शामिल किया जा रहा है और 9/11 के हमले के बाद गत 20 साल में हुए घटनाक्रम पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

 
उन्होंने बताया कि तालिबान को लेकर पूर्ण प्रशिक्षण, खुफिया और युद्ध कौशल, उसके नेतृत्व और काम करने के तरीके को लेकर पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही उस देश में हो रही घटनाओं और क्षेत्र की गतिविधियों का भी अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य पुलिस बल को इसके लिए निर्देश दिया गया है जिनके पास जवानों और अधिकारियों को शामिल करने और सेवा के दौरान प्रशिक्षण देने के लिए बहु स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र और अकादमी है।
 
अर्द्धसैनिक बल के प्रशिक्षण प्रबंध प्रकोष्ठ में तैनात एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अहम है कि सीमा, जांच चौकी या पुलिस न्यायाधिकार क्षेत्र में तैनात हर व्यक्ति तालिबान और उसकी गतिविधियों एवं रणनीति की जानकारी रखे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के वरिष्ठ और शीर्ष कमांडर को अफगानिस्तान और तालिबान के बारे में अधिकतर जानकारी हो सकती है लेकिन अभियान की ताकत जमीन पर तैनात सैनिकों या कांस्टेबल से मिलती है। उन्हें भी सूचित करने की जरूरत है।
 
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नए निर्देश के मद्देनजर दोनों केंद्रीय बलों के लिए कम से कम एक ऐसा सत्र आयोजित किया जा रहा है जबकि इन सभी बलों के लिए संयुक्त रूप से वेबिनार आयोजित करने की योजना बनाई गई है जो इस महीने के अंत में होगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नवीनतम निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे सत्र दैनिक अभियान जानकारी सत्र के दौरान जमीन पर तैनात जवानों और कमांडिंग ऑफिसर के लिए भी उनकी नियुक्ति के स्थान पर आयोजित होने चाहिए। तालिबान के मामले से जुड़ी अध्ययन सामग्री जवानों के लिए स्थानीय भाषाओं में तैयार की जा रही है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LIVE : कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडिज का 80 वर्ष की उम्र में निधन