जम्मू। श्रीनगर के खान्यार इलाके में आतंकियों ने घात लगाकर पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को शहीद कर दिया। दूसरी ओर राजौरी में जारी मुठभेड़ में अभी तक एक आतंकी के मारे जाने की खबर है। श्रीनगर के खानयार इलाके में रविवार को आतंकी हमला हुआ। इसमें पुलिस के जवान को निशाना बनाकर आतंकी ने कई राउंड फायरिंग की। घायल सब इंस्पेक्टर को एसकेआईएमस अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शहीद सब इंस्पेक्टर की पहचान अर्शीद अहमद के रूप में हुई है। उधर, आतंकियों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
आतंकी की कायरता सीसीटीवी में भी कैद हुई है। इसमें यह देखा गया कि काले रंग के कपड़े हुए आतंकी ने सब इंस्पेक्टर पर पीछे से कई राउंड फायरिंग की। इसके बाद सब इंस्पेक्टर घायल होकर जमीन पर गिर गया। आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अर्शीद अहमद कुपवाड़ा के रहने वाले थे। आज वे पुलिस स्टेशन से कुछ मीटर दूर स्थित गौसिया अस्पताल गए थे। इसी दौरान आतंकी ने उन पर कायरना हमला किया। सीसीटीवी में एक अन्य संदिग्ध देखा गया, जो कि हमले के तुंरत बाद सब इंस्पेक्टर के पास आता है और उसकी जेब से कुछ निकालता है। इस बीच एलओसी से सटे राजौरी जिला के डोरीमान में जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को एक आतंकी को ढेर करने में सफलता मिली है। फिलहाल अभी भी दोनों ओर से फायरिंग जारी है, क्योंकि 2 से 3 आतंकी अभी भी घेरे में हैं।
रविवार सुबह सेना ने स्थानीय पुलिस के साथ राजौरी जिला के करीब छ: गांवों में रविवार सुबह से तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान डोरीमान के जंगलों में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आतंकी जिस जगह पर छिपे हैं, उसे घेर लिया गया है। अभी भी दो से तीन के बीच आतंकी छिपे हुए बताए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर की अन्य खबरें
सोपोर में बादल फटा : कश्मीर संभाग के सोपोर में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात डांगीवाचा के ऊपरी हिस्से में बादल फटने के कारण 4 लोगों की मौत हो गई। एक अभी लापता बताया जाता है। सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। इस दौरान 4 शव बरामद किए गए। नौशेरा निवासी मोहम्मद बशीर खारी उम्र लगभग 80 वर्ष, अभी भी लापता है। उधर, मृतकों की पहचान मोहम्मद तारिक खारी, शहनाजा बेगम, नाजिया अख्तर और आरिफ हुसैन खारी के रूप में हुई है। ये सभी जम्मू संभाग के नौशेरा, राजौरी के रहने वाले थे।
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह बारामुल्ला जिला के रफियाबाद क्षेत्र में बादल फटने से पहाड़ी में डेरा डाले बक्करवाल समुदाय के पांच सदस्य इसकी चपेट में आ गए। बादल फटने की वजह से पांचों पानी के तेज बहाव में बह गए। इस घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस की टीम एसडीआरएफ के साथ घटनास्थल पर पहुंची। कुछ ही समय के उपरांत एसडीआरएफ की टीम ने कुछ ही दूरी से एक शव को बरामद कर लिया। अन्य तीन के भी शव बरामद कर लिए हैं जबकि एक की तलाश जारी है। बताया जा रहा है कि बक्करवाल समुदाय के सदस्य हाजी बशीर बक्करवाल निवासी राजौरी से संबंधित हैं। फिलहाल तलाशी अभियान जारी है।
27 और 28 जुलाई की मध्यरात्रि को किश्तवाड़ के दूरदराज के गांव होंजर डच्चन में मूसलाधार बारिश की वजह से अचानक बाढ़ आ गई थी। इस बाढ़ से होंजर डच्चन गांव के 19 लोग जिसमें 8 महिलाएं भी शामिल थीं, बह गए थे। इस घटनाक्रम के तुरंत बाद किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर अशोक शर्मा के दिशा-निर्देश पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने बचाव अभियान चलाया था। इसमें स्थानीय पुलिस और नागिरकों की भी मदद ली गई थी। बचाव दल को 7 शव बरामद हुए थे जबकि 17 अन्य घायलों को बचाकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा गया था।
लद्दाख में स्थानीय लोगों को शराब के ठेके : लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा पहले ही अपने जहां नौकरियां सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित किए जाने से जम्मू-कश्मीर में बवाल मचा हुआ था और अब उसने शराब के ठेकों पर भी स्थानीय नागरिकों का अधिकार होने का निर्देश जारी कर जम्मू कश्मीर में जबरदस्त हलचल मचा दी है।
दरअसल, लद्दाख में उप राज्यपाल प्रशासन ने नई आबकारी नीति लागू कर दी है। अधिसूचना के अनुसार नई आबकारी नीति को 1 सितंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक प्रभावी किया गया है। नीति के तहत शराब उत्पादन और बिक्री से जुड़े लाइसेंस 6 श्रेणियों में जारी होंगे। इसमें ए और बी श्रेणी के तहत शराब परोसने के लिए लाइसेंस केवल लद्दाख के निवासी को ही मिलेगा।
लाइसेंस को जम्मू-कश्मीर एक्साइज एक्ट 1958 और लद्दाख लिकर लाइसेंस एंड सेल रूल्स 2021 के तहत जारी किया जाएगा। नई नीति के तहत लाइसेंस के लिए ए, बी, सी, डी, ई और एफ श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। लाइसेंस शुल्क 2 से 6 लाख रुपए निर्धारित किया गया है।
याद रहे 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के दो टुकड़े किए जाने के साथ ही लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। पर लद्दाखियों ने नौकरियों व जमीन के प्रति केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए सभी कानूनों को नकार दिया था। इस मुद्दे पर करगिल और लेह जिले के लोग एकजुट हुए तो कई बार बंद का आह्वान भी किया गया।
नतीजतन अब एक बार फिर लद्दाख में स्टेट सब्जेक्ट लौट चुका है। दरअसल, तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य के निवासियों को निवास प्रमाण-पत्र के तौर पर स्टेट सब्जेक्ट दिया जाता था जिसके आधार पर वे राज्य में जमीन खरीदने और सरकारी नौकरी पाने के हकदार होते थे। पर अब वर्तमान जम्मू कश्मीर यूटी में ऐसा नहीं है। जमीन व नौकरी के प्रति बनाए गए कानूनों के खिलाफ सुलग रही चिंगारी को लद्दाख में लागू किए गए ताजा कानून ने हवा दे दी है। इसको लेकर कश्मीरी नेता एकजुट हो गए हैं। वैसे एक बार जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल के मुद्दे पर कुछ दिन आंदोलन हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा भागीदारी कश्मीरियों की ही थी।