कश्मीर में जम रही डल झील पर बच्चों को क्रिकेट खेलने का इंतजार

सुरेश एस डुग्गर
सोमवार, 9 दिसंबर 2019 (00:10 IST)
जम्मू। विश्व प्रसिद्ध डल झील भयानक सर्दी के कारण पूरी तरह से जमने की ओर अग्रसर है। ऐसे में लोग बेसब्री से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि इसके पूरी तरह से जम जाने के बाद क्या इस बार भी डल पर कोई गाड़ी चलेगी या फिर क्या इस बार भी लोग क्रिकेट खेल सकेंगे।

जैसे-जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे विश्व प्रसिद्ध डल झील की ऊपरी सतह भी जमती जा रही है। इतना जरूर है कि कश्मीर आने वाले मुट्ठीभर पर्यटकों के लिए यह नजारा बेहद ही दिलकश है जिन्होंने पहली बार इस झील को जमते हुए देखा है।

चिल्लेकलां के दौरान डल झील का जमना कोई नई बात नहीं है, पर यह अभी से जमनी आरंभ हो गई है, जबकि चिल्लेकल्लां अर्थात कश्मीर में भयानक सर्दी के प्रकोप का समय अभी शुरू नहीं हुआ है। चिल्लेकलां 21 और 22 दिसंबर की रात को आरंभ होता है और यह 40 दिनों तक चलता है। वर्ष 1960 में गुलाम मुहम्मद बख्शी के मुख्यमंत्रित्वकाल में डल झील पूरी तरह जम गई थी।

उस दौरान बख्शी ने डल पर जीप चलाने का मजा लिया था। उस समय न्यूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री नीचे तक गिर गया था। इसके अलावा 1986 में डल झील पूरी तरह जम गई थी तब निवर्तमान मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने डल पर मोटरसाइकल चलाई थी।

इसी साल स्थानीय युवकों ने जमी हुई डल पर एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था। इस टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लोगों ने सफलतापूर्वक समाप्त भी किया था। बुजुर्ग कहते हैं कि चिल्लेकलां के दिनों में अक्सर डल का पानी जम जाता है। इस साल के शुरू में भी डल झील पूरी तरह जम गई थी। वर्ष 2005 के दिसंबर में भी चिल्लेकलां के दौरान डल का पानी जम गया था। जो कि करीब एक महीने तक जमा रहा था।

मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही रहा तो रात का तापमान और भी गिर सकता है। इससे डल का पानी और भी जम जाएगा क्‍योंकि दिन साफ रहने के कारण रात सर्द हो जाती है। दिन का तापमान अभी सामान्य से 4 डिग्री ऊपर है और रात का तापमान शून्य से 6 डिग्री नीचे। घाटी के बाशिंदों के लिए डल का जमना और बर्फ जमना कोई नई बात नहीं है, लेकिन पर्यटकों के लिए यह नजारा जरूर कौतुहलभरा होता है।

यह भी सच है कि घाटी में कड़ाके की ठंड से जमी डल झील को देखने के लिए इस बार सैलानियों की भीड़ नहीं है, क्योंकि राज्य के बंटवारे और इसे केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिए जाने के बाद फिलहाल कश्मीर में सैलानियों की आमद बहुत ही कम है। आज सुबह डल झील की ऊपरी परत जम गई थी तथा कल रात को भी डल झील बीच के कई हिस्सों में जम गई थी।

इसके अलावा कश्मीर के अन्य इलाकों में ठंड का प्रकोप रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले चौबीस घंटे में सर्दी बरकरार रहेगी और मौसम का मिजाज साफ रहेगा। जबकि मौसम विभाग के अनुसार अगले 2 दिनों में कश्मीर में बर्फबारी का अनुमान है।

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