बुलंदशहर में एक गोकशी मामले में फरार चल रहे एक अपराधी की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर आरोपी को छत से फेंक देने का आरोप लगाते हुए शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। बड़ी संख्या में लोगों को देखकर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में कई थानों की फोर्स बुलाकर आरोपी मृतक को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
मामला बुलंदशहर जिले के कोतवाली खुर्जा नगर के मुड़ाखेड़ा चौराहे का है। जहां 42 वर्षीय आकिल अपने परिवार के साथ रहता था। पुलिस के मुताबिक बीती 23-24 की रात्रि में आकिल संदिग्ध परिस्थितियों में छत से गिर गया। परिजनों ने उसका नाम बदलकर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी बिगड़ती हालत को देखकर अलीगढ़ रेफर कर दिया गया। अलीगढ़ से हायर सेंटर दिल्ली भेज दिया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
आकिल पर कई थानों में गोकशी के छह से अधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में वह फरार चल रहा था। पुलिस कई बार उसके घर दबिश देने गई लेकिन, वह हर बार फरार मिला। परिवार का आरोप है कि बीती 23-24 की रात्रि में 4 पुलिसकर्मी घर पर आए और मारपीट की। इतना ही नहीं गौरव नाम के सिपाही ने आकिल को छत से फेंक दिया। अब पीड़ित परिवार आलाधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा है।
पुलिस अधिकारियों ने ये आरोप बेबुनियाद बताया है, साथ ही उनका कहना है कि पुलिस से बचने के लिए आरोपी खुद छत से कूदा था। उसकी मौत दिल्ली में हुई, शव खुर्जा मुड़ाखेड़ा लाया गया। शव कब्रिस्तान ले जाने की परिवार ने पूरी तैयारी कर ली। पुलिस और परिजनों की आपस में बातचीत भी हुई, किसी को शिकायत नहीं थी, लेकिन कब्रिस्तान ले जाते समय कुछ अराजक तत्वों ने परिवार को भड़का दिया, जिसके चलते उन्होंने शव को सड़क पर रख दिया।
हालांकि इस पूरे मामले पर एसएसपी ने संज्ञान लेते हुए जांच बुलंदशहर के एसपी रूलर को सौंप दी है।प्रथमदृष्टया पुलिस की जांच में खुद छत से कूदने की बात सामने आ रही है, लेकिन पुलिस आकिल को देखकर छत से कूदा और गिरकर बेहाल हो गया, तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया, परिवार ने उसे अस्पताल में नाम बदलकर क्यों भर्ती कराया, ये भी जांच का विषय है।