Dispute between government teachers in Bihar : बिहार में होली के दिन सरकारी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन और गुड फ्राइडे पर स्कूली विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप की मांग की है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा 20 मार्च को जारी एक परिपत्र में कहा गया है, संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे पहले प्रशिक्षण सत्र में भाग नहीं लेने वाले सभी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों (पहली से पांचवीं कक्षा तक) को छह दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में भाग लेना होगा। परिषद 25 से 30 मार्च तक फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी (एफएलएन) डे ट्रेनिंग करेगी।
परिपत्र सभी शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (सीटीई), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी), प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (पीटीईसी), ब्लॉक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (बीआईईटी) के प्राचार्यों व अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है।
पत्र के अनुसार, कुल 19,200 सरकारी स्कूल शिक्षक 25 से 30 मार्च तक विभाग के 78 प्रशिक्षण केंद्रों पर एफएलएन प्रशिक्षण में भाग लेंगे। एससीईआरटी ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रशिक्षण अवधि के दौरान सभी संबंधित व्यक्तियों को कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। एससीईआरटी स्कूल और शिक्षकों की शिक्षा के लिए राज्य में सर्वोच्च शैक्षणिक निकाय है और शिक्षा विभाग का एक अंग है।
शिक्षा विभाग के फैसले से विवाद खड़ा हो गया : बिहार सरकार ने पहले ही होली और गुड फ्राइडे पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है और उन दिनों राज्य सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे। इसी तरह, सातवीं कक्षा के लिए गुड फ्राइडे (29 मार्च) को भी वार्षिक परीक्षा आयोजित करने के विभाग के फैसले से विवाद खड़ा हो गया है।
यहां तक कि बिहार के राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंगथु ने भी मुख्य सचिव को लिखे पत्र में विभाग को 29 मार्च के परीक्षा कार्यक्रम को बदलने का निर्देश देने का आग्रह किया है। एससीईआरटी का परिपत्र और मुख्य सचिव को राजभवन का पत्र दोनों हासिल हुए हैं।
बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ : बार-बार प्रयास करने के बावजूद, शिक्षामंत्री सुनील कुमार से इस मुद्दे पर बात नहीं हो सकी। तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, बिहार में राजग सरकार के आदेश के मुताबिक होली के दिन भी शिक्षकों को उपस्थित रहना होगा। बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब पूरा राज्य होली मना रहा होगा तो उस दिन शिक्षक अपने परिवार से दूर रहेंगे। मुख्यमंत्री को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour