वाह री व्यवस्था! Lockdown में मालगाड़ी की चपेट आए मजदूरों के परिजनों को नहीं मिले मृत्यु प्रमाणपत्र

Webdunia
शनिवार, 27 मार्च 2021 (13:59 IST)
शहडोल (मप्र)। पिछले साल कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हुए रेल हादसे में जान गंवाने वाले मध्यप्रदेश के सभी 16 मजूदरों के परिजनों को 10 महीने बाद भी अब तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है। इससे उनके परिजनों को बैंक, बीमा एवं अन्य कामों को करवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
 
गौरतलब है कि औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे इन 16 प्रवासी मजदूरों की पिछले वर्ष 8 मई को एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। ये सभी महाराष्ट्र के जालना की एक स्टील फैक्टरी में काम करते थे और कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बेरोजगार होने के बाद रेल की पटरियों के किनारे-किनारे पैदल चलकर मध्य प्रदेश में अपने घरों को लौट रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे और ट्रेन की चपेट में आने से इनकी मौत हो गई थी।
 
इन 16 मजदूरों में 11 मजदूर शहडोल जिले के थे एवं बाकी उमरिया जिले के थे। अधिकारियों का कहना है कि औरंगाबाद प्रशासन ने अब तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं भेजे हैं। हालांकि, मध्यप्रदेश सरकार एवं महाराष्ट्र सरकार द्वारा दी गई राहत राशि परिजनों को मिल गई है।
 
शहडोल जिले के जयसिंहनगर के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) दिलीप पांडे ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से जारी होते हैं, जहां किसी की मृत्यु होती है। इन सभी मजदूरों की मौत औरंगाबाद जिले में हुई थी। वहां के प्रशासन को पत्र लिखा गया है।
 
पांडे ने कहा कि शहडोल कलेक्टर द्वारा औरंगाबाद कलेक्टर से मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चर्चा भी की गई है। दोबारा फिर से प्रमाण पत्र के लिए औरंगाबाद कलेक्टर को पत्र भेजा गया है।
 
मृतक मजदूरों के परिजनों के अनुसार उन्होंने जयसिंहनगर के तत्कालीन एसडीएम को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन उन्होंने यह कहकर आवेदन खारिज कर दिया कि मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से बनेगा जहां मृत्यु हुई है। अभी हाल में ही दोबारा सभी मजदूरों के परिजनों ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया है।
 
मृतक मजदूर दीपक सिंह की पत्नी चंद्रवती ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से उन्हें विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। सभी सरकारी कामों में मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। मृतक मजदूर राजबहार की पत्नी सुनीता सिंह ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से वह विधवा पेंशन का लाभ नहीं ले पा रही हैं।
 
मृतक मजदूर बृजेश की पत्नी पार्वती सिंह ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण बैंक के काम नहीं हो पा रहे हैं और विधवा पेंशन का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
 
रेल दुर्घटना में अपने दोनों बेटों बृजेश एवं शिवदयाल को खोने वाले गजराज सिंह ने बताया कि बैंक वाले कहते हैं कि मृत्यु प्रमाण पत्र लाओ, तभी काम होगा। एसडीएम के पास जाते हैं तो कहते हैं कि बनेगा, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र आज तक नहीं बना। सभी मजदूरों के मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनने से उनके परिजनों की एक जैसी समस्या पैदा हो गई है। बैंक, बीमे से लेकर जमीन के कागजात से जुड़े सभी काम रुके हैं। (भाषा)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ऑपरेशन सिंदूर और 'उधार का चाकू', क्या है चालबाज चीन का इससे संबंध

सेनेटरी पैड के पैकेट पर राहुल गांधी ने लगवा दी अपनी तस्वीर, बीजेपी ने कर दिया कबाड़ा

पलक्कड़ में Nipah Virus की पुष्टि, लॉकडाउन जैसे हालात, केरल में अलर्ट जारी

कौन है गैंगस्टर अमित दबंग, जिसे शादी के लिए मिली 5 घंटे की पैरोल

प्रधानमंत्री मोदी को त्रिनिदाद एवं टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: मुंबई में 20 साल बाद एक मंच पर उद्धव और राज ठाकरे

टैरिफ पर क्या ट्रंप के सामने झुक जाएंगे पीएम मोदी, राहुल गांधी ने दिया बड़ा बयान

उफान पर नदियां, सड़कें लबालब, जानिए कहां कैसा है मौसम?

मध्यप्रदेश में दुकानों और कारखानों में नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं

अमरनाथ यात्रा : पहलगाम जा रही 4 बसों में टक्कर, 36 तीर्थयात्री घायल

अगला लेख