औरंगाबाद (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस वर्ष एक जनवरी से नौ सितंबर तक फसल की बर्बादी और कर्ज से परेशान 618 किसानों ने आत्महत्या कर ली।
मंडलायुक्त के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सूखा प्रभावित बीड जिले में सबसे अधिक 125 किसानों ने आत्महत्या की। सबसे कम हिंगोली जिले में 42 किसानों ने खुदकुशी की है। उस्मानाबाद जिले में 100, औरंगाबाद में 87, परभणी में 85 तथा नांदेड और जालना जिले में 62-62 किसानों ने आत्महत्या की।
आत्महत्या के पीछे कर्ज, बारिश की कमी और फसल के खराब होने के साथ ही अन्य कारण बताए गए हैं। कुल 618 आत्महत्या के मामलों में 368 को सरकारी सहायता के योग्य पाया गया है, जबकि 166 मामलों को जांच के बाद खारिज कर दिया गया। 84 मामले अभी जांच के लिए लंबित हैं।
मराठवाड़ा में बारिश की कमी के कारण सूखे जैसी स्थिति है। इस महीने के अंत तक मानसून लगभग समाप्त हो जाएगा और वहां अब तक 39 प्रतिशत बारिश कम हुई है। क्षेत्र की कई सिंचाई परियोजनाओं में औसतन 34 प्रतिशत जल बचा है। (वार्ता)